February 2022 Festival, Fast and Special Day: फरवरी 2022 के मुख्य पर्व, व्रत एवं विशेष दिवस! जानें वसंत पंचमी से महाशिवरात्रि की प्रमुख तिथियां!
भगवान शिव (Photo Credits: Pixabay)

वैसे तो हर दिन का अपना-अपना महत्व होता है. लेकिन फरवरी 2022 की शुरुआत जिस तरह मौनी अमावस्या जैसे पावन दिन से हो रही है, इसके बाद बसंत महोत्सव, सुर एवं संगीत की देवी सरस्वती की पूजा, रथ सप्तमी, जया एकादशी, माघी पूर्णिमा एवं महाशिवरात्रि, जैसे पर्व एवं व्रतों ने इस फरवरी 2022 माह का महात्म्य बढ़ा दिया है. इसके अलावा इसी माह पड़ने वाले वैलेटाइन वीक के कारण भी पूरे माह रोमांटिक माहौल बना रहेगा. यहां हम इस माह पड़ने वाले महत्वपूर्ण पर्व, व्रतों एवं दिवस विशेष की बात करेंगे.

1 फरवरी 2022 (मंगलवार): मौनी अमावस्या

सनातन धर्म में माघ मास में पड़ने वाले मौनी अमावस्या को सर्वश्रेष्ठ स्नान-दिवस बताया गया है. इस दिन गंगा अथवा किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करने के बाद गरीबों अथवा ब्राह्मण को दान करने से अक्षुण्य पुण्य की प्राप्ति होती है. पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक मौनी अमावस्या को प्रयागराज स्थित गंगा, यमुना एवं सरस्वती की पवित्र त्रिवेणी में देवतागण स्वर्गलोक से आकर स्नान 4 निवास करते हैं. इसीलिए माघ मास को कार्तिक मास के समान पुण्यदाई मास माना जाता है.

4 फरवरी (शुक्रवार) 2022: विनायक चतुर्थी

प्रत्येक मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को विनायक गणेश चतुर्थी कहते हैं, चूंकि चतुर्थी का दिन भगवान श्रीगणेश को समर्पित होता है, इसलिए दिन गणेशजी के व्रत एवं पूजा का विधान है. मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख, शांति एवं समृद्धि आती है.

5 फरवरी (शनिवार) 2022: वसंत पंचमी!

वसंत पंचमी का पर्व वसंत ऋतु के आगमन को प्रतीक बनकर आता है. इसीलिए पुराणों में इसे 'ऋतुओं का राजा' बताया जाता है. इसी दिन संगीत एवं विद्या की देवी मां सरस्वती की भी पूजा-अर्चना की जाती है. यह दिन बच्चों की शिक्षा की शुरुआत करने के लिए भी सर्वोत्तम माना जाता है. यह भी पढ़ें : Vastu Tips to Get Married Soon: जल्द शादी के बंधन में बंधने के लिए अपनाएं ये वास्तु टिप्स!

6 फरवरी (रविवार) 2022: शीतला षष्ठी

माघ मास के शुक्लपक्ष की षष्ठी के दिन शीतला देवी की पूजा-अर्चना का विधान है. मान्यता है कि इस दिन माँ शीतला की पूजा करनेवाले निसंतान जातकों को संतान की प्राप्ति होती है. इस दिन माँ शीतला का षोडशोपचार विधि से पूजा-अर्चना करने एवं बासी भोजन चढ़ाने का विधान है.

7 फरवरी (सोमवार) 2022: रथ सप्तमी

माघ मास के शुक्लपक्ष की सप्तमी को रथ सप्तमी (अचला सप्तमी) के दिन सूर्यदेव की पूजा का विधान है. पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक रथ सप्तमी के दिन से ही सूर्यदेव ने अपनी किरणों के माध्यम से संपूर्ण विश्व का ज्ञानार्जन किया था. इस दिन सौभाग्यवती महिलाएं पुत्र एवं पति की सेहत एवं दीर्घायु के लिए व्रत एवं सूर्य देव की पूजा एवं व्रत करती हैं.

8 फरवरी (मंगलवार) 2022: भीष्म अष्टमी दुर्गाष्टमी

माघ मास की शुक्लपक्ष की अष्टमी को भीष्म अष्टमी के नाम से पुकारा जाता है. मान्यता है कि इसी तिथि पर महाभारतकाल में भीष्म पितामह ने देह त्यागा था. इस दिन अगर भीष्म पितामह के नाम से तिल अर्पित करने वाले जातक को संतान- प्राप्ति होती है.

12 फरवरी (शनिवार) 2022: जया एकादशी व्रत

माघ मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान केशव की पूजा करने वाले के जीवन में कभी भी निष्क्रियता नहीं आती. साथ ही उसके घर में नकारात्मक शक्तियाँ वास नहीं करतीं. भूत, प्रेत, पिशाच जैसी दुष्ट योनियों में जन्म का भय नहीं रहता. उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं.

14 फरवरी (सोमवार) 2022: वैलेनटाइन डेज

14 फरवरी 2022 को प्यार के इजहार-दिवस के रूप में मनाया जाता है. वस्तुतः 14 फरवरी से 7 दिन पहले से वैलेनटाइन वीक की श्रृंखला शुरू हो जाती है. यह विशेष कर युवाओं का पर्व कहलाता है, जो वास्तव में पश्चात्य देशों की संस्कृति है.

16 फरवरी (बुधवार) 2022: माघी पूर्णिमा!

हिंदी पंचांग के मुताबिक माघ मास की अंतिम तारीख माघी पूर्णिमा कहलाती है. यह दिन भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है. इस दिन गंगा अथवा किसी भी पवित्र नदी में स्नान-दान, एवं व्रत करने से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं, और जातक को रोगमुक्त एवं मोक्ष का वरदान देते हैं.

19 फरवरी (शनिवार) 2022-संकष्टी चतुर्थी

सदा सद्कर्म करने वाला व्यक्ति अगर संकष्टि चतुर्थी का व्रत रखते हुए विघ्नहर्ता की पूजा-अर्चना आदि करता है तो उसे जीवन में कभी भी अकारण रोग एवं शोक नहीं होता.

27 फरवरी (रविवार) 2022: विजया एकादशी

हिंदी पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्णपक्ष की 11वीं तिथि को विजया एकादशी के नाम से मनाया है. भगवान श्रीहरि को समर्पित इस दिन उनकी पूजा करने से जीवन से सारे दुःख, कष्ट एवं क्लेश मिट जाते हैं. पद्म पुराण के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्णपक्ष के दिन प्रभु श्रीराम लंका पर आक्रमण करने से पूर्वी विजय प्राप्ति के लिए यह व्रत एवं पूजन किया था.

28 फरवरी 2022: महाशिवरात्रि व्रत

फाल्गुन मास के कृष्णपक्ष त्रयोदशी (कुछ जगहों पर चतुर्दशी) के दिन भी भगवान शिव एवं पार्वती जी का व्रत एवं पूजा करते है, तथा शिवलिंग पर बेल-पत्र, दूध आदि अर्पित करने तो शिवजी की विशेष कृपा से महापुण्य के साथ-साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है.