Diwali 2019: दिवाली पर क्यों बनाई जाती है सुरन की सब्जी, जानें क्यों जरुरी है इसे खाना
सुरन की सब्जी, (फोटो क्रेडिट्स: YouTube)

Diwali 2019: भारतीय त्योहारों का भोजन के साथ घनिष्ठ संबंध है. हर त्योहार की एक महशूर सब्जी, अनाज, या मांस का पकवान होता है जो पारंपरिक रूप से एक विशिष्ट त्योहार पर खाया जाता है.चाहे वह मकर संक्रांति पर गुड़ की खिचड़ी हो या लोहड़ी पर रेवड़ी-मूंगफली या ईद पर सेवई हो. उत्तर प्रदेश में दिवाली तब तक पूरी नहीं होती है जब तक शाम के वक्त दिवाली पूजा के बाद सुरन की सब्जी न बने. दिवाली के दिन विशेष रूप से घर में सुरन की सब्जी बनाई जाती है और पुरे परिवार द्वारा खाई जाती है. दिवाली के दिन सुरन खाने के पीछे एक किंवदंती है. सुरान आलू की तरह जमीं के अंदर उगती है, ये एक ऐसी सब्जी है जिसकी जड़ों की कटाई के बाद भी उसी जड़ से फिर से सुरन उग आता है. सुरन की इस सब्जी के गुण को दिवाली के दौरान धन के भंडारण और बढ़ती हुई समृद्धि से जोड़ा जाता है.

ऐसा कहा जाता है कि दिवाली के दिन सुरकं की सब्जी घर में बनाकर खाने से धन संपत्ति बढ़ती है. जिस तरह सुरन काटने पर बढ़ता जाता है, उसी तरह लोग चाहते हैं कि उनका धन खर्च करने के बाढ़ भी बढ़ता जाए. इसी बात को ध्यान में रखकर दिवाली के दिन घर-घर में सुरन की सब्जी बनाई जाती है. दिवाली के दिन सुरन की सब्जी खरीदने के लिए मार्केट में लाइन लग जाती है, कभी कभी कभी तो ये सभी ख़त्म हो जाती है और मिलती ही नहीं है. इसलिए लोग इसे कुछ दिनों पहले ही खरीदकर स्टॉक में रखते हैं, ताकि दिवाली के दिन उन्हें परेशान न होना पड़े.

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दिवाली के दिन सुरन की सब्जी बनाने की परंपरा पौराणिक शहर बनारस से आई है. सुरन की सब्जी के बारे में घर के बड़े बूढ़ों के बारे में पता है. इसलिए वे घर में इसकी सब्जिन बनवाते हैं और सभी को जबरदस्ती खिलाया जाता है. सुरन को हिंदी में ज़मीकंद या ज़िमिकंद भी कहा जाता है, बंगाल में इसे ओल और अंग्रेजी में इसे एलिफेंट फुट कहा जाता है. ये सब्जी देखने में तो अजीब लगती है लेकिन जब इसे ढंग से बनाया जाए तो खाने में बहुत ही स्वादिष्ट लगती है.