Anant Chaturdashi 2019: आज है अनंत चतुर्दशी, जानें इसका महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
अनंत चतुर्दशी 2019, ( Photo Credit: wikimedia commons )

Anant Chaturdashi 2019: आज अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi 2019) मनाई जा रही है. भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है. इस दिन भगवन विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है. भगवान विष्णु का दूसरा नाम अनंत देव है. अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस (Anant Chaudas) भी कहा जाता है. इस दिन एक धागे में चौदह गांठे लगाकर अनंत धागा बनाया जाता है. उसकी पूजा करने के बाद उसे बाजू पर बांध लिया जाता है. इस दिन भगवान गणेश का विसर्जन भी किया जाता है. इस दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान सत्यनारायण की कथा भी सुनते हैं. अनंत चतुर्दशी के दिन श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करना बहुत उत्तम माना जाता है. इस बार अनंत चतुर्दशी के दिन विशेष सुकर्मा योग बन रहा है. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस मुहूर्त में भगवान विष्णु की पूजा करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है.

महत्त्व

पौराणिक कथा अनुसार जब पांडव जुए में सब कुछ हार गए थे, तब भगवान कृष्ण ने उन्हें अनंत चतुर्दशी का व्रत करने को कहा था. बताया जाता है कि महाराज युधिष्ठिर ने अपने चारों भाई और द्रौपदी के साथ अनंत चतुर्दशी का व्रत रखते हुए श्री हरि की पूजा की. पांडवों ने भगवान कृष्ण के कहे अनुसार पूरे विधि विधान से व्रत किया, जिसके बाद उनके सारे कष्ट दूर हो गए और उनका राजपाठ वापस मिल गया.

अंनत चतुर्दशी पूजा विधि:

सुबह जल्दी उठकर पहले स्नान करें और भगवान् विष्णु के व्रत का संकल्प लें. साफ़ वस्त्र पहनें. भगवान विष्णु का नाम लेकर कलश स्थापना करें और साथ में उनकी प्रतिमा या तस्वीर भी रखें. सूत के धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर ‘अनंत सूत्र’ बनाएं. इसमें चौदह गांठें अवश्य लगाएं. वैसे पूजा की दुकानों पर तैयार ‘अनंत सूत्र’ उपलब्ध हो जाते हैं. इस ‘अनंत सूत्र’ को श्रीहरि की प्रतिमा के सामने रखें. इसके पश्चात श्री हरि और ‘अनंत सूत्र’ की षोडशोपचार विधि से पूजा प्रारंभ करें. पूजा-का विधान पूरा होने पर ‘अनंत सूत्र’ को पुरुष दाएं हाथ में एवं महिलाएं बाएं हाथ में बांधें.

शुभ मुहूर्त:

अनंत चतुर्दशी पूजा मुहूर्त : सुबह 06:04:17 से 31 :37:13 तक

शुभ मुहूर्त की अवधि : 25 घंटे 32 मिनट

अनंत चतुर्दशी का दिन इसलिए भी बहुत ख़ास होता है क्योंकि इस दिन भगवान गणेश का विसर्जन किया जाता है. इस दिन सच्चे मन से जो भी भगवान विष्णु की आराधना करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.