हिंदू धर्म में सोलह संस्कार होते हैं, जिनका पालन पांच अंगों (तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है) की सहायता से किया जाता है. इन पांच अंगों की मदद से उपयुक्त तिथि निकाली जाती है. पंचांग को देखने से शुभ दिन, शुभ महुर्त, शुभ योग. योग्य नक्षत्र आदि का पता चलता है,जिसकी वजह से कार्य की संफलता और पुण्य प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा पंचांग ब्रह्म मुहूर्त में उठने, स्नान ध्यान कर सूर्य का जलाभिषेक करने के फायदे भी बताता है. आइये जानते हैं आज के पंचांग में राहुकाल, शुभ एवं अशुभ मुहूर्त, सूर्योदय-सूर्यास्त की क्या स्थिति है.
आज 15 अक्टूबर को आश्विन शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी, दिन मंगलवार है. त्रयोदशी तिथि 12.20 PM तक रहेगी, इसके बाद चतुर्दशी लग जायेगी. आज 02.14 PM तक वृद्धि योग रहेगा. जहां तक नक्षत्र की बात है तो 10.09 AM तक पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र रहेगा. आज भौम प्रदोष व्रत रखा जाएगा. करण कौलव 02.00 PM तक फिर तैतिल योग: वृद्धि 02.15 PM तक फिर ध्रुव यह भी पढ़ें : Aaj 13 October 2024 Panchang: आज का पंचांग! जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त, सूर्योदय-चंद्रोदय, राहुकाल की स्थिति एवं पापाकुंशा एकादशी पर कल्याणकारी उपाय!
अक्टूबर 15 मंगलवार को राहु 02.59 PM से 04.25 PM तक है.
चन्द्रमा कुंभ राशि पर संचार करेगा.
नक्षत्रः पूर्वभाद्रपदाः 15 Oct पूर्वाभाद्रपद 10.09 PM तक
सूर्योदयः 06.21 AM
सूर्यास्तः 05.51 PM
तिथि | नवरात्रि द्वाद्वशी (15 अक्टूबर 12.20 PM तक, इसके बाद चतुर्दशी लग जाएगी. |
पक्ष | शुक्ल |
वार | मंगलवार |
नक्षत्र | पूर्वाभाद्रपद 10.09 PM तक
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योग | वृद्धि योगः 02.14 PM तक |
राहुकाल | 02.59 PM से 04.25 PM तक
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सूर्योदय-सूर्यास्त | 06.21 AM - 05.51 PM |
चंद्रोदय-चंद्रास्त | 03.57 PM – 03.50 AM |
दिशा शूल | उत्तर पश्चिम |
चंद्रमा | कुंभ राशि में |
सूर्य राशि | कन्या राशि में |
शुभ मुहूर्त, 15 अक्टूबर 2024
ब्रह्म मुहूर्त | 04.08 AM से 05.05 AM तक |
अभिजीत मुहूर्त | 11.53 AM से 12.34 AM तक |
गोधुलि बेला | 06.20 PM से 07.25 PM तक
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निशीथ काल | 11.41 PM से 12.20 PM तक |
अमृत काल | 06.08 PM से 07.40 AM तक |
संध्या पूजन | 06.24 PM से 07.08 PM तक |
अशुभ मुहूर्त
गुलिक काल: 12.10 PM − 0135 PM
यमगण्ड: 09.20 AM से 10: 45 AM
दूर मुहूर्तम् : 10.38 PM से 10.40 PM
व्रज्याम काल: None
राहू काल: 03.00 PM से 16.25 PM
आज का पर्व एवं पुण्यदायी उपाय
आज भौम प्रदोष के व्रत के तहत भगवान शिव की पूजा का विधान है. लेकिन मंगलवार के दिन प्रदोष पड़ने से इस दिन पवनपुत्र भगवान हनुमान की भी पूजा की जाती है. हनुमान जी की पूजा के दरमियान हनुमान चालीसा और ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ करें. ऐसा करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है. भौम प्रदोष व्रत के दिन 'ॐ ऐं भ्रीम हनुमते, श्री राम दूताय नमः' मंत्र का जाप करें, इस मंत्र का जप करने से आपको आर्थिक मुश्किलों से छुटकारा मिलेगा. ऐसा करने से हनुमान जी की आप पर विशेष कृपा रहेगी.