नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के यूको बैंक ने बिड़ला सूर्या लिमिटेड की ओर से 67.55 करोड़ रुपये का बकाया नहीं चुकाने के कारण यशोवर्धन बिड़ला को जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाला (विलफुल डिफाल्टर) घोषित किया है. कंपनी को यह कर्ज यूको बैंक की ओर से दिया गया है. कर्जदाताओं की समिति में भारतीय स्टेट बैंक , पंजाब नेशनल बैंक और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया भी शामिल हैं.
बैंक की ओर से वेबसाइट पर सार्वजनिक की गई सूचना के मुताबिक , बैंक ने चूककर्ता से बकाया वसूलने के लिए मुकदमा दायर किया है.
सार्वजनिक नोटिस के मुताबिक , बिड़ला सूर्या लिमिटेड को पूंजी आधारित सुविधाओं के लिए 100 करोड़ रुपये की कर्ज सीमा मंजूर की गई थी, जिसमें से ब्याज सहित 67.55 करोड़ रुपये बकाया है.
यूको बैंक की नरीमन प्वाइंट स्थित कॉर्पोरेट शाखा ने कंपनी को मल्टी - क्रिस्टलाइन सौर फोटोवोल्टिक सेल के विनिर्माण के लिए यह सुविधा दी थी. नोटिस में कहा गया है , बकाये का भुगतान नहीं होने पर 3 जून 2013 को खाते को गैर - निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित कर दिया गया था. कई नोटिस देने के बावजूद लेनदार ने बैंक को बकाए का भुगतान नहीं किया है. लेनदार कंपनी और उसके निदेशकों , प्रवर्तकों , गारंटरों को बैंक का कर्ज जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाला घोषित किया गया है.
भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक , एक बार जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाला घोषित होने पर लेनदार को बैंकों या वित्तीय संस्थाओं की ओर से कोई कर्ज सुविधा नहीं दी जाती है. कंपनी पर पांच साल के लिए नया उद्यम लगाने से रोक लग जाती है. इसके अलावा कर्जदाता कंपनी और उसके निदेशकों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू कर सकता है. कोलकाता के यूको बैंक ने 665 चूककर्ताओं की सूची जारी की है. जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाले अन्य प्रमुखों में जूम डेवलपर्स (309.50 करोड़ रुपये), फर्स्ट लिजिंग कंपनी ऑफ इंडिया (142.94 करोड़ रुपये) , मोजर बेयर इंडिया (122.15 करोड़ रुपये) और सूर्या विनायक इंडस्ट्रीज (107.81 करोड़ रुपये) हैं.