Mainpuri News: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से एक अजीब और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला और उसकी बेटी को अपनी समस्या उठाने के कारण जेल भेज दिया गया. दरअसल, एक विधवा महिला अपनी ज़मीन पर कब्ज़ा हो जाने की शिकायत लेकर डीएम साहब के दरबार में पहुंची थी. महिला ने बताया कि उसे हर जगह घूस की मांग मिल रही है और कोई भी उसकी मदद करने के लिए तैयार नहीं था.
दैनिक भाष्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, अपनी परेशानी बताने के दौरान महिला की आवाज़ थोड़ी तेज हो गई, जो डीएम अंजनी कुमार सिंह को अच्छी नहीं लगी.
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ऊंची आवाज पसंद नहीं आई तो फरियादी को ही जेल भेज दिया
मैनपुरी
➡सम्पूर्ण समाधान दिवस में पहुंची विधवा महिला, उसकी बेटी
➡फरियादी ने डीएम से की ऊंची आवाज़ में बात
➡डीएम के आदेश पर पुलिस ने महिला, बेटी को भेजा जेल
➡फ़रियाद लेकर आई महिला और बेटी को भेजा जेल
➡विधवा भूमि पर अवैध क़ब्ज़े की शिकायत लेकर पहुंची थी
➡डीएम के… pic.twitter.com/PzeuUW31rh
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) December 7, 2024
डीएम साहब ने जारी किया फरमान
इसके बाद डीएम साहब ने फरमान जारी करते हुए महिला और उसकी बेटी को जेल भेजने का आदेश दे दिया. पुलिस ने भी तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों को जेल भेज दिया. यह घटना राज्य सरकार और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
आखिर ये कैसा इंसाफ?
अब सवाल यह उठता है कि क्या यह न्याय है? क्या किसी आम नागरिक को अपनी समस्या को उठाने के लिए इस तरह की सजा दी जा सकती है? क्या लोकतंत्र में किसी व्यक्ति की आवाज़ उठाने का अधिकार नहीं है? क्या एक सरकारी अधिकारी को इस तरह से लोगों की आवाज को दबाने का अधिकार दिया जा सकता है?