भारत जोड़ो यात्रा में दिख रहा कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जोश होगा वोट में तब्दील?

नई दिल्ली, 1 अक्टूबर : कांग्रेस की भारत जोड़ी यात्रा 3570 किलोमीटर कन्याकुमारी से कश्मीर तक मार्च में तमिलनाडु और केरल के बाद तीसरे राज्य कर्नाटक में प्रवेश कर गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा को कोई ताकत नहीं रोक सकती, चाहे कुछ भी हो जाए यात्रा नहीं रुकेगी. कर्नाटक में प्रवेश करने पर उन्होंने जोर देकर कहा कि यात्रा का मकसद लोगों की बात सुनना और उन्हें विपक्ष की सोच से अवगत कराना, क्योंकि संसद से सड़क तक उसकी आवाजें दबाई जा रही हैं.

उन्होंने शुक्रवार को कहा था, "महान गुरु बसवन्ना की भूमि - कर्नाटक को बधाई, जिनकी एक समावेशी समाज के निर्माण का उपदेश भारत जोड़ो यात्रा राह दिखाने वाली रोशनी है. हम आपको सुनने आए हैं. यह यात्रा यहां के लोगों की बात सुनने के लिए है." कांग्रेस ने यात्रा में एकजुट चेहरा पेश करने की कोशिश की है और कार्यकर्ता उत्साहित हैं. तिरुवनंतपुरम के यूथ कांग्रेस के जिला महासचिव माइकल कहते हैं, "मुझे बस चलना है, बाकी काम कांग्रेस करेगी, उन्हें भारत जोड़ो यात्रा और पार्टी पर अटूट विश्वास है." यह भी पढ़ें : Bihar: पहली बार शराब पीते पकड़े जाने पर घर के बाहर लगेगा चेतावनी का पोस्टर

कांग्रेस मतदाताओं से जुड़ना चाहती है और अपना केरल चरण पूरा करने के बाद भारत जोड़ी यात्रा कर्नाटक के चामराजनगर जिले के गुंडलुपेट शहर में प्रवेश कर गई. गुंडलूपेट, मांड्या, मैसूर, चित्रदुर्ग और बेल्लारी में रैलियों की योजना बनाई गई है. यात्रा राज्य के रायचूर जिले से होते हुए पड़ोसी आंध्र प्रदेश में प्रवेश करेगी. केरल में यात्रा ने 140 विधानसभा क्षेत्रों में से 43 और 20 लोकसभा क्षेत्रों में से 12 की यात्रा की और 19 दिनों में 453 किलोमीटर की दूरी तय की, जिसमें दो दिन का ब्रेक भी शामिल था. यात्रा में भाग लेने वाले लोगों ने सुबह के सत्र में लगभग 5,000 लोगों को देखा और शाम के सत्र में भीड़ 25,000 तक पहुंच गई, जिसमें सभी स्तरों के नेता शामिल हुए. ऐसा प्रतीत होता है कि पार्टी को बहुत आवश्यक बढ़ावा मिला है.

यात्रा को सफल बनाने के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार अन्य नेताओं के साथ विशेष प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने पूरे राज्य का दौरा किया था और नेताओं को राहुल गांधी के साथ चलने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं और आम लोगों को इकट्ठा करने की विशिष्ट जिम्मेदारी सौंपी थी. यात्रा ने जिस दिन तमिलनाडु से केरल में प्रवेश किया, कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और उसके समर्थकों के लिए एक त्योहार जैसा माहौल बन था. यात्रा के केरल पहुंचते ही कांग्रेस के जो नेता गुटीय झगड़ों के लिए जाने जाते हैं, पार्टी के साथ एकजुटता से खड़े हुए और अपने मतभेदों को दूर रखा. इसी तरह कर्नाटक में सिद्धारमैया और डी.के. शिवकुमार के धड़े एकजुट होकर प्रदर्शन कर रहे हैं.