दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के अध्यक्ष ई. अबूबकर की स्वास्थ्य के आधार पर हाउस अरेस्ट की मांग वाली याचिका याचिका खारिज कर दी. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और रजनीश भटनागर की खंडपीठ ने कहा, जब आप मेडिकल जमानत की मांग कर रहे हैं, तो हम आपको आपके घर क्यों भेजें? हम आपको अस्पताल भेजेंगे. अदालत ने एक चिकित्सा स्थिति रिपोर्ट का अवलोकन किया जिसमें कहा गया था कि अबुबकर को 22 दिसंबर को एम्स के ओन्को-सर्जरी विभाग में दिखाना है.अदालत ने मामले की सुनवाई छह जनवरी को सूचीबद्ध करते हुए कहा, ''चिकित्सा अधीक्षक सुनवाई की अगली तारीख पर एम्स के ओंको सर्जरी विभाग द्वारा निर्धारित सलाह और उपचार दाखिल करेंगे.''
अदालत ने अबुबकर के बेटे को उस समय उपस्थित रहने की भी अनुमति दी, जब उसे परामर्श और उपचार प्रदान किया जाएगा.14 दिसंबर को, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एम्स द्वारा लिखित अबुबकर की स्वास्थ्य स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की.इससे पहले 30 नवंबर को अदालत ने अबुबकर की हाउस अरेस्ट याचिका को खारिज कर दिया था और एनआईए को बीमारियों और इलाज की सलाह पर एम्स द्वारा लिखित चिकित्सा अधिकारी की राय को शामिल करते हुए एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था. यह भी पढ़े: Sukhvinder Singh Sukhu: हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह कोविड से संक्रमित, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होनेवाली बैठक स्थगित कर दी गयी
अबूबकर को एनआईए ने 22 सितंबर को गिरफ्तार किया था और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था. वह 6 अक्टूबर से न्यायिक हिरासत में है. वह आइडियल स्टूडेंट्स लीग, जमात-ए-इस्लामी और स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) जैसे संगठनों में सक्रिय था.