Ram Navami 2024: इस वर्ष कब मनाई जाएगी रामनवमी 17 या 18 अप्रैल को? जानें सही तिथि, विशेष शुभ योग, मंत्र, मुहूर्त, पूजा-विधि एवं सेलिब्रेशन आदि!
Ram Navami

सनातन धर्म में श्रीराम जन्मोत्सव जिसे ‘रामनवमी’ के नाम से भी मनाया जाता है, का विशेष महत्व है. वाल्मीकि रामायण के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन भगवान विष्णु ने अयोध्या में राजा दशरथ के घर माता कौशल्या के गर्भ से भगवान श्रीराम के रूप में जन्म लिया था. इसी दिन चैत्र मास नवरात्रि के आठवें दिन माता दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा भी की जाती है. इस बार रामनवमी की मूल तिथि को लेकर कुछ दुविधाएं हैं, कुछ लोग 17 अप्रैल तो कुछ लोग 18 को रामनवमी मनाने की बात कर रहे हैं. यहां हमारे ज्योतिषाचार्य श्री संजय शुक्ल श्री रामनवमी 2024 की मूल तिथि, इस दरम्यान बन रहे शुभ योगों के अलावा भगवान श्रीराम की पूजा विधि के बारे में बता रहे हैं.

श्रीराम जन्मोत्सव सेलिब्रेशन

श्रीराम नवमी की सुबह भगवान श्रीराम के भक्त स्नानादि से निवृत्त होकर रंगीन कपड़ों एवं फूलों से सुसज्जित रथ में भगवान श्रीराम की प्रतिमा अथवा तस्वीर स्थापित करते हैं. इस रथ के साथ शहर के प्रमुख हिस्सों में प्रभात फेरी निकालते हैं. जुलूस में भक्त भगवान श्रीराम जन्मोत्सव की खुशी में सोहर, भजन एवं कीर्तन आदि गाते हैं. श्रीराम मंदिर में भगवान के जन्मोत्सव को भव्य तरीके से मनाया जाता है. बहुत सी जगहों पर कीर्तन भजन तो कहीं कवि सम्मेलन, आध्यात्मिक चर्चाएं, प्रवचन आदि के आयोजन होते हैं. इस वर्ष श्रीराम की जन्म भूमि अयोध्या में भी भगवान श्रीराम लला की पूजा का विशेष आयोजन किया गया है. देश-दुनिया के बहुत सारे भक्तों के अयोध्या पहुंचने की भी खबर है. यह भी पढ़े :अयोध्या में इस बार की रामनवमी होगी ख़ास, रामलला चांदी और सोने के वस्त्र पहनेंगे,खुद सूर्य देवता करेंगे अभिषेक

श्रीरामनवमी की मूल तिथि, मुहूर्त एवं शुभ योग

चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी प्रारंभः 01.23 PM (16 अप्रैल 2024)

चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी समाप्तः 02.34 PM (17 अप्रैल 2024)

इस तरह उदया तिथि के अनुसार 17 अप्रैल 2024 को ही रामनवमी मनाई जाएगी.

सर्वार्थ सिद्धि योग सूर्योदय से 06.08 AM तक मनाई जाएगी (17 अप्रैल 2024)

रवि योगः सूर्योदय से लेकर पूरे दिन तक रहेगा (17 अप्रैल 2024)

श्रीराम की पूजा करने के लिए यह दोनों ही योग बहुत शुभकारी साबित हो सकते हैं.

श्रीराम नवमी पूजा मुहूर्तः 11.02 AM से 01.26 PM तक (17 अप्रैल 2024)

श्रीराम नवमी की पूजा विधि

ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-ध्यान के पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करें. शुभ मुहूर्त पर घर के मंदिर को स्वच्छ करें, इस पर गंगाजल छिड़कें. अथवा मंदिर के समक्ष एक स्वच्छ चौकी रखें, इस पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएं. इस पर गणेशजी, श्रीराम एव सीताजी का चित्र अथवा प्रतिमा रखें. धूप दीप प्रज्वलित करें. गणेश स्तुति गाने के पश्चात भगवान श्रीराम का निम्न मंत्र जाप करते हुए पूजा प्रारंभ करें.

ॐ राम ॐ राम ॐ राम ह्रीं राम ह्रीं राम श्रीं राम श्रीं राम –

भगवान श्री राम एवं सीता जी को रोली का टीका लगाएं. पुष्पहार अर्पित करें. अब पीला फूल, पीला चंदन, पान, सुपारी, अक्षत, सिंदूर एवं तुलसी का पत्ता अर्पित करें. भोग में भगवान को केसर का खीर, मिश्री दूध से बनी मिठाई तथा फल चढाएं. पूजा के अंत में भगवान श्रीराम की आरती उतारें. बहुत से लोग इस दिन श्रीरामचरितमानस का पाठ भी करते हैं.