कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने 1 जून से राज्य के सभी धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दे दी है. हालांकि इस दौरान किसी भी पूजा स्थल पर रक साथ 10 से अधिक लोगों के जमा होने पर पाबंदी रहेगी. साथ ही सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करवाने के लिए किसी भी धार्मिक कार्यक्रम की भी अनुमति नहीं दी जाएगी. साथ ही सभी निजी, सार्वजनिक और सरकारी क्षेत्र के कार्यालय 8 जून से खुलेंगे, जबकि राज्य का चाय और जूट उद्योग 1 जून से 100 फीसदी चालू होगा. लॉकडाउन का चौथा चरण 31 मई को समाप्त हो रहा है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात करते हुए कहा कि लॉकडाउन का चौथा चरण खत्म होने बाद राज्य के सभी पूजा स्थल, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा आदि खोले जाएंगे. लेकिन एक समय पर 10 से अधिक लोगों को एकत्र होने की अनुमति नहीं दी जाएगी, साथ ही धार्मिक स्थलों पर कोई सभा करने की पाबंदी होगी. राज्यभर में यह आदेश 1 जून से लागू होगा. पश्चिम बंगाल: जमात-उल-मुजाहिद्दीन के आतंकी अब्दुल करीम को कोलकाता पुलिस ने किया अरेस्ट
All places of worship, mandir, masjid, gurudwara...will open, but not more than 10 people will be allowed, no assembly at religious places. This will be implemented from 1st June: West Bengal CM Mamata Banerjee. #CoronavirusLockdown pic.twitter.com/kmXfsvxY7h
— ANI (@ANI) May 29, 2020
इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने ऐलान किया कि एक जून से मंदिरों के साथ मस्जिद और चर्च भी श्रद्धालुओं के लिए खोले जा सकते हैं. हालांकि इस संबध में केन्द्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा. राज्य में होटलों और अन्य स्थानों को खोलने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा गया है.
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में शुक्रवार सुबह तक 4 हजार 536 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए. अकेले गुरुवार को एक दिन में सबसे ज्यादा संक्रमण के 344 नए मामले सामने आए. अब तक राज्य में 295 लोगों की मौत हो चुकी है. ममता सरकार में अग्निशमन और आपात सेवा मंत्री सुजित बोस भी कोविड-19 की चपेट में आ गए है.