कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) के सरकारी अस्पतालों में पिछले कई दिनों से जारी हड़ताल (Strike) के कारण मरीजों का हाल बेहाल है. इस बीच सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार शाम को हड़ताली डॉक्टरों की सभी मांगे मान ली है. साथ ही उन्होंने डॉक्टर्स से अपील कि है सभी डॉक्टर हड़ताल खत्म कर वापस मरीजों का इलाज शुरू कर दें.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि 10 जून को डॉक्टर्स पर हुआ हमला दुर्भाग्यपूर्ण है. उनकी सरकार राज्य में जल्द से जल्द स्वास्थ्य सेवाएं सामान्य करने के लिए प्रतिबद्ध है. ममता ने कहा कि इलाज नहीं मिलने से हजारों मरीज परेशान हो रहे हैं.
West Bengal CM: We've accepted all their demands. I had sent my ministers, principal secy to meet the doctors, waited for 5 hours to meet doctors delegations yesterday & today, but they did not come. You have to give respect to the constitutional body. https://t.co/MzQnUL6iJw
— ANI (@ANI) June 15, 2019
उन्होंने आगे कहा "हम ताकत का प्रयोग नहीं कर रहे हैं. डॉक्टर्स की सुरक्षा को लेकर हम कदम उठा रहे हैं. डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से गरीबों का इलाज नहीं हो रहा है. हमने डॉक्टरों की सभी मांगें मान ली हैं. मैं राज्य में एस्मा (ESMA) एक्ट लागू नहीं करना चाहती. डॉक्टर्स से अपील है कि वे हड़ताल खत्म कर दें और काम पर वापस लौट आएं."
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West Bengal CM Mamata Banerjee: I appeal to all doctors to resume work as thousands of people are awaiting medical treatment. #DoctorStrike pic.twitter.com/0v8rDxuGFN
— ANI (@ANI) June 15, 2019
West Bengal CM, Mamata Banerjee: I do not want to invoke Essential Services Maintenance (ESMA) Act in the state. I want the junior doctors to resume work as we have accepted all their demands. pic.twitter.com/dZNZAvv0J7
— ANI (@ANI) June 15, 2019
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने डॉक्टरों की हड़ताल को देखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार को एक परामर्श जारी किया है और मामले पर प्राथमिकता के आधार पर रिपोर्ट मांगी. शुक्रवार रात को, हड़ताली डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की राज्य सचिवालय में बातचीत की पेशकश ठुकरा दी थी.
गौरतलब हो कि सोमवार देर रात एक 75 वर्षीय मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों द्वारा कथित रूप से एक जूनियर डॉक्टर की पिटाई की गई. मृतक मरीज के परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया था. इसके बाद मंगलवार सुबह सरकारी अस्पतालों में विरोध शुरू हो गया. जख्मी डॉक्टर को इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंसेज के इन्टेंसिव केयर यूनिट में भर्ती कराया गया है. स्थिति में सुधार होने के साथ डॉक्टर को जनरल वार्ड में भर्ती किया गया है और जल्द ही डिसचार्ज कर दिया जाएगा.