पश्चिम बंगाल उपचुनाव: बीजेपी प्रत्याशी जयप्रकाश मजूमदार पर हमला, लात मारकर झाड़ियों में फेंका, वीडियो हुआ वायरल
जयप्रकाश मजूमदार पर हमला ( फोटो क्रेडिट- Twitter )

पश्चिम बंगाल (West Bengal) के करीमपुर विधानसभा सीट (Karimpur Assembly By-Poll) से उम्मीदवार जयप्रकाश मजूमदार (Jay Prakash Majumdar) के साथ मारपीट का वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में देख सकते हैं कि कैसे एक शख्स उम्मीदवार जयप्रकाश मजूमदार पहले तो धक्का देता है और उसके बाद फिर लात मार के निचे की तरफ धकेल देता है. वहीं इस घटना के बाद उम्मीदवार जयप्रकाश मजूमदार ने इस मारपीट के पीछे तृणमूल कांग्रेस के 'गुंडों' (TMC "goons") को जिम्मेदार ठहराया है. खबरों के मुताबिक गलत तरीके से मतदान की जानकारी मिलने के बाद जयप्रकाश मजूमदार वहां जानकारी लेने पहुंचे थे. जिसके बाद वहां उनसे मारपीट की गई. वहीं इस घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है.

वहीं इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल में बीजेपी इकाई के उपाध्यक्ष मजूमदार ने कहा, यह मुझे हताश नहीं करेगा और मैं हर मतदान केन्द्र पर जाना जारी रखूंगा. मैंने निर्वाचन आयोग से भी इसकी शिकायत की है. मजूमदार के इन आरोपों को निराधार बताते हुए तृणमूल की नदिया जिला इकाई ने कहा कि स्थानीय लोगों ने उनपर हमला किया क्योंकि वे उनके द्वारा चुनावी माहौल खराब किए जाने से नाराज थे. वहीं इस घटना के बाद मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस घटना के बाद बीजेपी के कार्यकर्ता और नेता निंदा कर रहे हैं.

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गौरतलब हो कि अप्रैल-मई के लोकसभा चुनाव में तृणमूल को बीजेपी से कड़ी टक्कर मिली थी, जहां भगवा पार्टी ने राज्य में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ 18 सीटों पर कब्जा कर लिया, जबकि 2014 में वह दो सीटों पर जीती थी. वहीं, 2014 में 34 सीटों पर जीतने वाली तृणमूल को 2019 में 22 सीटों पर संतोष करना पड़ा और कांग्रेस ने बंगाल की कुल 42 सीटों में से शेष दो सीटें जीतीं. आम चुनाव के दौरान, बीजेपी ने खड़गपुर सदर और कालियागंज के विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बनाई, जबकि करीमपुर में तृणमूल आगे रही थी.

लोकसभा सीटों पर संबंधित सीटों से विधायकों के जीतने के बाद खड़गपुर सदर और करीमपुर सीटों पर उपचुनाव कराना आवश्यक हो गया, क्योंकि इन सीटों के विधायक लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गए, जबकि कांग्रेस विधायक प्रमथ नाथ रे के निधन के बाद कालियागंज में उपचुनाव कराने की जरूरत आ पड़ी. ( एजेंसी इनपुट )