कोलकाता, 14 मई: पश्चिम बंगाल कैबिनेट के एक मंत्री की बेटी और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के एक जोड़े का नाम उन 36 हजार प्राथमिक शिक्षकों की सूची में शामिल है, जिनकी सेवाएं 12 मई को कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक आदेश पर समाप्त कर दी गई हैं. बर्खास्त 36 हजार शिक्षकों में मालबाजार से तृणमूल कांग्रेस विधायक और पिछड़ा वर्ग विकास राज्य मंत्री बुलू चिक बरैक की बेटी सुषमा चिक बरैक का नाम है. वह 2016 से रंगमती प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत हैं. यह भी पढ़ें: Teacher Scam: CBI ने तृणमूल कांग्रेस के विधायक तापस साहा को इस सप्ताह किया तलब
कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर मंत्री खुद कोई टिप्पणी करने को तैयार नहीं हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि उनकी बेटी काफी योग्य है और उसने दो बार पश्चिम बंगाल सिविल सेवा (डब्ल्यूबीसीएस) परीक्षा के लिए लिखित परीक्षा भी पास की है. उन्होंने कहा, जरूरत पड़ने पर मेरी बेटी फिर से शिक्षक की परीक्षा में शामिल होगी और अपनी योग्यता साबित करेगी.
जलपाईगुड़ी में मैनागुरी पंचायत समिति के तृणमूल कांग्रेस सदस्य सिबम बसुनिया का नाम भी सूची में शामिल है. उनके अनुसार जिन अन्य लोगों की सेवाएं भी समाप्त कर दी गई हैं, उनसे चर्चा के आधार पर आवश्यक कदम उठाएंगे. सूची में एक और नाम गीता दास राजबंशी का है, जो तृणमूल कांग्रेस नियंत्रित जलपाईगुड़ी जिला परिषद की सदस्य हैं. हालांकि, उसने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
शुक्रवार को, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने 2016 में भर्ती किए गए 42,500 प्राथमिक शिक्षकों में से 36,000 की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया था. न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय के मुताबिक इन 36 हजार शिक्षकों में से किसी के पास प्राथमिक शिक्षक के रूप में भर्ती होने के लिए उचित प्रशिक्षण नहीं था और उन्हें अनिवार्य अभिक्षमता परीक्षा में शामिल हुए बिना भर्ती किया गया.
हालांकि, न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने आदेश दिया कि ये शिक्षक अगले चार महीनों के लिए अपने संबंधित स्कूलों में उपस्थित हो सकेंगे और उस अवधि के दौरान वे नियमित शिक्षकों के बजाय पैरा-शिक्षकों के वेतन के हकदार होंगे. यदि इनमें से कोई उम्मीदवार अंतरिम अवधि में अपेक्षित प्रशिक्षण पूरा कर लेता है, तो वह अगले भर्ती चरण में परीक्षाओं में बैठने के लिए पात्र होगा