कोलकाता, 5 अक्टूबर : पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के कुलतली थाना अंतर्गत कृपाखाली इलाके में नाबालिग से सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या का मामला सामने आया है. इस मामले में ग्रामीणों ने पुलिस पर शिकायत नहीं दर्ज करने का आरोप लगाते हुए थाने में तोड़फोड़ और आगजनी की.
जानकारी के अनुसार, चौथी कक्षा में पढ़ने वाली नाबालिग लड़की को ट्यूशन से लौटते वक्त अगवा कर सामूहिक बलात्कार किया गया और फिर बेरहमी से हत्या कर दी गई. बाद में ग्रामीणों ने नदी किनारे से छात्रा का शव बरामद किया. कुलतली थाना पुलिस की ओर से शिकायत नहीं दर्ज किए जाने के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए और थाने में तोड़फोड़ कर आग लगा दी. यह भी पढ़ें : महंत यति नरसिंहानंद के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग कर रही भीड़ के पथराव में 21 पुलिसकर्मी घायल
भाजपा नेता डॉ. सुकांत मजूमदार ने कहा कि मासूम के साथ हुई भयानक घटना यह दर्शाती है कि ममता बनर्जी का प्रशासन पर कोई नियंत्रण नहीं है. प्रशासन पूरी तरह से राजनीतिक हो चुका है. ममता बनर्जी ने कहा था कि एफआईआर मत करिए, पहले छानबीन कीजिए और फिर रिपोर्ट दर्ज कीजिए. यह इसलिए कहा गया क्योंकि बंगाल में बलात्कार और हत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं.
उन्होंने कहा कि पीड़िता के परिवार और गांव वालों के कहने के बावजूद पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं किया और न ही मिसिंग डायरी बनाई. इस नाबालिग के साथ जो दुष्कर्म हुआ है, वह अत्यंत गंभीर है. यह बहुत ही खतरनाक स्थिति है, और अगर बंगाल में इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं, तो यह साबित होता है कि ममता बनर्जी के पास अपने पद पर बने रहने के लिए न तो कोई कानूनी आधार है और न ही कोई नैतिक अधिकार.
भाजपा आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "पश्चिम बंगाल में एक और चौंकाने वाली घटना में कुलतली पुलिस स्टेशन के अंतर्गत कृपाखली इलाके में ट्यूशन से लौट रही 11 वर्षीय नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ क्रूरतापूर्वक बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. ग्रामीणों को नदी के किनारे से उसका शव मिला."
उन्होंने आगे लिखा, "गुस्साए ग्रामीणों ने कुलतली पुलिस स्टेशन पर हमला किया, क्योंकि उन्होंने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया क्योंकि बलात्कारी जाहिर तौर पर मुस्लिम है और पश्चिम बंगाल पुलिस कार्रवाई करने में अनिच्छुक है, क्योंकि इससे ममता बनर्जी नाराज हो सकती हैं. दुर्गा पूजा के दौरान जब पश्चिम बंगाल देवी शक्ति का उत्सव मनाता है, महिलाएं और लड़कियां असुरक्षित होती हैं. जब तक राज्य के मामलों की कमान संभालने वाली असुरी शक्तियों को नहीं हराया जाता, तब तक महिलाओं के खिलाफ अपराध बेरोकटोक जारी रहेंगे. बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा के लिए ममता बनर्जी को जाना होगा."