वायनाड, 7 अगस्त : केरल के वायनाड में विनाशकारी भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 413 पहुंच गई है. 152 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं. बचाव अभियान नौवें दिन भी जारी है. रक्षा बलों, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, अग्निशमन सेवाओं और स्वयंसेवकों के कर्मियों वाली 1,000 से अधिक सदस्यीय बचाव टीम ने बुधवार सुबह चार सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों चूरलमाला, वेल्लारीमाला, मुंडक्कई और पुंचिरिमाडोम में तलाशी अभियान शुरू किया.
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा है कि जब तक रक्षा बल कोई फैसला नहीं ले लेते, तलाशी अभियान जारी रहेगा. वर्तमान में सर्च अभियान अब उन क्षेत्रों में चल रहा है जहां लोग रहते थे और 30 जुलाई को सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा आने के बाद फंसे हुए थे. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंगलवार को बताया था कि वायनाड जिले के चार गांवों में हुई त्रासदी के बाद मलप्पुरम जिले में स्थित नीलांबुर और उसके आसपास के इलाकों में चलियार नदी से 76 शव और शरीर के कई अंग बरामद किए गए हैं. यह भी पढ़ें : केरल भूस्खलन: ए.के एंटनी ने लोगों से पीड़ितों के लिए सीएमडीआरएफ में योगदान करने का आग्रह किया
बुधवार को भी बचाव टीम चलियार नदी में सर्च अभियान चला रही है. प्रभावित क्षेत्रों में और उसके आसपास विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में 100 से अधिक राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां वर्तमान में 10,300 से अधिक लोग रह रहे हैं. कुछ दिन पहले तक कोई आरोप-प्रत्यारोप नहीं था. सारा ध्यान बचाव, राहत और पुनर्वास पर था. लेकिन, अब सीएम विजयन पर निशाना साधते हुए वाकयुद्ध शुरू हो गया है.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने इसे मानव निर्मित आपदा करार दिया है. कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने मांग की है कि मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में आने वाले पैसे का उचित उपयोग किया जाना चाहिए. देश के सबसे लंबे समय तक रक्षा मंत्री रहे और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने आपदा के बाद पुनर्वास कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने और राजनीतिक लाभ उठाने में शामिल न होने का आह्वान किया है.