तेलंगाना विधानसभा चुनाव के दौरान, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जाति आधारित सर्वेक्षण कराने का वादा किया था, और अब राज्य सरकार ने इसे साकार कर दिया है. इस सर्वेक्षण का उद्देश्य राज्य के लोगों के आर्थिक और सामाजिक आंकड़े जातिगत आधार पर एकत्रित करना है, ताकि समाज के सभी वर्गों के पिछड़े लोगों की पहचान की जा सके.
तेलंगाना में जाति जनगणना शुरू होने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में बेहद उत्साह है. हैदराबाद में कांग्रेस नेता अनिल कुमार यादव और उनके पार्टी कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के पोस्टर पर दूध अर्पित किया.
जाति जनगणना की शुरुआत के बाद हैदराबाद में कांग्रेस नेताओं ने जश्न मनाया. उनके मुताबिक, जाति जनगणना को लेकर राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी का रुख हमेशा से सशक्त और समर्थनकारी रहा है, और इस तरह के धार्मिक या सांस्कृतिक प्रतीक से वे इसे लोगों तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.
जाति आधारित सर्वेक्षण का महत्व
इस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य यह है कि समाज के कमजोर वर्गों की पहचान की जा सके, जिनका सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक विकास अब तक ठीक से नहीं हो पाया है. यह सर्वेक्षण दरवाजे-दरवाजे जाकर किया जाएगा, जिसमें लगभग 150 घरों का दौरा प्रत्येक सर्वेक्षक द्वारा किया जाएगा. इस सर्वेक्षण में 50 से अधिक प्रश्न पूछे जाएंगे, ताकि सही आंकड़े एकत्र किए जा सकें.
राज्य सरकार का मानना है कि इस सर्वेक्षण के आधार पर योजनाएं बनाई जा सकेंगी, जिससे समाज के कमजोर वर्गों के कल्याण और विकास को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाया जा सकेगा. इसके लिए राज्य सरकार ने एक महीने का समय निर्धारित किया है और सरकारी अधिकारियों के अलावा, कांग्रेस के नेता भी इस प्रक्रिया में सक्रिय रूप से हिस्सा लेंगे, ताकि लोगों को प्रेरित किया जा सके और अधिकारियों को मदद प्रदान की जा सके.
राहुल गांधी ने की सराहना
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह सिर्फ जाति सर्वेक्षण नहीं है, बल्कि यह विकास के लिए एक ठोस ढांचा तैयार करने का प्रयास है. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सर्वेक्षण में कुछ कमियां हो सकती हैं, लेकिन उन्हें जल्द ही दूर कर लिया जाएगा. राहुल गांधी ने कहा कि भारत में भेदभाव की स्थिति गंभीर है, और इसका असर हमारे संविधान पर भी पड़ता है.
सर्वेक्षण को लेकर नागरिकों से अपील
तेलंगाना के परिवहन मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने सर्वेक्षण की शुरुआत करते हुए नागरिकों से अपील की कि वे सर्वेक्षणकर्ताओं से बिना किसी संकोच के जानकारी साझा करें. उन्होंने आश्वासन दिया कि सर्वेक्षण की जानकारी पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी और इसका उद्देश्य समाज में असमानताओं को दूर करना और सभी के लिए समान न्याय सुनिश्चित करना है.
आईटी मंत्री डी. श्रीधर बाबू ने भी इस सर्वेक्षण को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया. उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण से सरकार को विभिन्न वर्गों के कल्याण और विकास के लिए योजनाएं तैयार करने में मदद मिलेगी.
नई पहल के लिए आयोग का गठन
इसके अलावा, सरकार ने बुसानी वेंकटेश्वर राव की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग भी नियुक्त किया है. यह आयोग स्थानीय निकायों में आरक्षण के उद्देश्य से पिछड़े वर्गों की पहचान करने में मदद करेगा.