Uttarakhand: 7 अक्टूबर से उत्तराखंड के 7 शहरों के लिए शुरू होगी हेली सेवा, सीएम पुष्कर सिंह धामी जॉली ग्रांट एयरपोर्ट से करेंगे शुभारंभ
सीएम पुष्कर सिंह धामी (Photo Credits: Instagram)

देहरादून: उत्तराखंड (Uttarakhand) के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार सात अक्टूबर से सात शहरों से हेली सेवा (Heli Seva) शुरू करेगी. ‘हेली सेवा’ (Heli Services) के तहत सात शहरों से हेलिकॉप्टर सेवाएं संचालित होंगी, जिनमें देहरादून (Dheradun), हल्द्वानी (Haldwani) और पंतनगर (Pantnagar) भी शामिल हैं. पुष्कर सिंह धामी 7 अक्टूबर को देहरादून के जॉली ग्रांट एयरपोर्ट (Jolly Grant Airport) पर नवनिर्मित टर्मिनल से ‘हेली सेवा’ सेवाओं की शुरुआत करेंगे.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज ट्वीट कर कहा “उत्तराखंड को एयर कनेक्टिविटी के क्षेत्र में बड़ी सौगात. 7 शहरों को हेली सेवा से जोड़ने के साथ-साथ किराए में भी कटौती की गई है. यह कदम राज्य में पर्यटन एवं तीर्थाटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ प्रदेशवासियों को रोजगार से भी जोड़ेगा.” उत्तराखंड: पुष्कर सिंह धामी ने पेयजल योजनाओं की टेंडर प्रक्रिया 15 नवंबर तक पूरी करने के दिए निर्देश

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में केंद्र सरकार का आभार जताते हुए कहा “उत्तराखंड के विकास हेतु सदैव माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है. राज्य को यह सौगात देने के लिए केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) जी का हार्दिक आभार.”

हेली सेवाएं 7 अक्टूबर से देहरादून-श्रीनगर-देहरादून, देहरादून-गौचर-देहरादून, हल्द्वानी-हरिद्वार-हल्द्वानी, पंतनगर-पिथौरागढ़-पंतनगर, चिन्यालीसौर-सहस्त्रधारा-चिन्यालीसौर, गौचर-सहस्त्रधारा-गौचर, हल्द्वानी-धारचूला-हल्द्वानी और गौचर- सहस्त्रधारा-गौचर के बीच शुरू होगी. इन सेवाओं को UDAN योजना के तहत मंजूरी दी गई है.

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के जॉली ग्रांट एयरपोर्ट का 353 करोड़ रुपये की लागत से विस्तारीकरण किया जा रहा है. विस्तारीकरण परियोजना में अत्याधुनिक नए घरेलू टर्मिनल का निर्माण किया जा रहा है जिसमें चार एयरोब्रिज होंगे और 36 चैक इन काउंटर्स, सेल्फ चैक इन काउंटर्स और इनलाइन बैगेज स्क्रीनिंग की सुविधा होगी. साथ ही जॉली ग्रांट एयरपोर्ट की अत्याधुनिक नई डॉमेस्टिक टर्मिनल बिल्डिंग को भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है. जरुरत पड़ने पर इससे अंतरराष्ट्रीय एयर ट्रैफिक को भी संचालित किया जा सकेगा.