उत्तराखंड विधानसभा में पेश हुआ UCC बिल, राज्य में बदल जाएंगे शादी-तलाक, लिव इन सहित ये नियम
CM Pushkar Singh Dhami | ANI

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में मंगलवार को बहुप्रतीक्षित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पेश कर दिया गया. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को विधानसभा सदन में पेश किया. यूसीसी विधेयक के लिए बुलाये गये विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह विधेयक पेश किया. इसके साथ ही उत्तराखंड देश में यूसीसी लागू करने वाला आजादी के बाद पहला राज्य बन गया है.

मुख्यमंत्री द्वारा विधेयक पेश किये जाने के इस दौरान सत्तापक्ष के विधायकों ने ‘‘भारत माता की जय, वंदे मातरम और जय श्रीराम’’ के नारे लगाये. प्रदेश मंत्रिमंडल ने रविवार को यूसीसी मसौदे को स्वीकार करते हुए उसे विधेयक के रूप में सदन के पटल पर रखे जाने की मंजूरी दी थी.

UCC बिल उत्तराखंड विधानसभा में पेश

बदल जाएंगे ये नियम

यूसीसी के तहत प्रदेश में सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, जमीन, संपत्ति और उत्तराधिकार के समान कानून लागू होंगे, चाहे वे किसी भी धर्म को मानने वाले हों. समिति द्वारा रखे गए कुछ प्रमुख प्रस्तावों में बहुविवाह, हलाला, इद्दत और बाल विवाह पर प्रतिबंध हैं. साथ ही सभी धर्मों में लड़कियों की शादी के लिए समान उम्र, सभी धर्मों के लिए समान विरासत कानून और लिव-इन रिलेशन का अनिवार्य पंजीकरण शामिल हैं.

चार खंडों में 740 पृष्ठों के इस मसौदे को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को सौंपा था. यूसीसी पर अधिनियम बनाकर उसे प्रदेश में लागू करना 2022 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा जनता से किए गए प्रमुख वादों में से एक था.

वर्ष 2000 में अस्तित्व में आए उत्तराखंड में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज कर इतिहास रचने के बाद भाजपा ने मार्च 2022 में सत्ता संभालने के साथ ही मंत्रिमंडल की पहली बैठक में यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दे दी थी.

कानून बनने के बाद उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. गोवा में पुर्तगाली शासन के दिनों से ही यूसीसी लागू है.