सहारनपुर, 23 अप्रैल: सहारनपुर की एक अदालत ने पुलिस से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा है कि कैसे एक व्यक्ति का लाइसेंसी रिवॉल्वर 'मालखाना' से गायब हो गया और बाद में एक खूंखार गैंगस्टर के बेटे के कब्जे से मिला. सहारनपुर के डेहरा गांव में लाइसेंसी हथियार के मालिक ललित कुमार ने आठ साल पहले संपत्ति विवाद में कोर्ट केस जीता था. इसके बाद उन्होंने 2015 में देवबंद थाने के मलखाना से अपना जब्त लाइसेंसी रिवॉल्वर छुड़ाने के लिए जिलाधिकारी की अनुमति ली. उन्हें बताया गया कि उनका हथियार गायब हो गया है. यह भी पढ़ें: UP Politics: योगी की 80:20 की राजनीति से परेशान अखिलेश जातिगत जनगणना पर हैं खामोश
हालांकि हथियार की कस्टडी जिन पुलिस वालों को सौंपी गई थी उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई, लेकिन पुलिस ने मामले को बंद कर दिया. यह मामला फिर तब उछला जब मुजफ्फरनगर के रतनपुरी इलाके में जेल में बंद डॉन सुशील मूच के बेटे विवेक सिंह के पास से पुलिस ने इसी साल जनवरी में छापेमारी के दौरान वही हथियार बरामद किया.
ललित कुमार ने अपने हथियार की कस्टडी की मांग करते हुए मुजफ्फरनगर की एक अदालत में एक पुनरीक्षण याचिका दायर की. उन्होंने अदालत से कहा, मेरा रिवॉल्वर 2015 में गायब हो गया था और 2023 में बरामद हुआ है. मैं हथियार का असली मालिक हूं और इसलिए मेरी अपील है कि इसे रिलीज कर मुझे सौंपा जाए.
कोर्ट ने अब पुलिस से पूछा है कि पुलिस कस्टडी में जब्त रिवॉल्वर एक गैंगस्टर तक कैसे पहुंचा. सहायक जिला सरकारी वकील परमिंदर सिंह ने कहा, जिस व्यक्ति का पिता यूपी के बड़े डॉन में से एक है, सरकारी हिरासत में रखा हथियार उसके हाथ पहुंचने पर अदालत ने गहरी चिंता व्यक्त की है.
सिंह ने बताया, हथियार गुम होने को लेकर पुलिसकर्मियों के खिलाफ 2015 में दर्ज प्राथमिकी से संबंधित मामले की वर्तमान स्थिति से अदालत को अवगत कराने के लिए देवबंद पुलिस स्टेशन के एसएचओ को एसएसपी सहारनपुर के माध्यम से तलब किया गया है. अदालत ने जिला प्रशासन को भी निर्देश दिया है कि वह विवेक सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछे कि उसके पास यह हथियार कहां से आया. एसएचओ (देवबंद) को 29 अप्रैल को होने वाली अगली सुनवाई पर अदालत में उपस्थित होने के लिए कहा गया है.