लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने 2021-22 के लिए अपनी आबकारी नीति (Excise Policy) में उन लोगों के लिए एक व्यक्तिगत बार परमिट का प्रावधान पेश किया है जो घर पर शराब की अधिक मात्रा रखना चाहते हैं. नई नीति में बिना लाइसेंस के घर पर शराब रखने की सामान्य सीमा अपरिवर्तित है. नया लाइसेंसिंग प्रावधान उन लोगों के लिए है जो घर पर इस सीमा से अधिक शराब का स्टॉक करना चाहते हैं. इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
यूपी में घर में बार का इंतजाम रखने वालों को आबकारी विभाग से लाइसेंस लेना होगा. नई आबकारी नीति में यह प्रावधान किया गया है व्यक्तिगत प्रयोग के लिए निर्धारित सीमा 6 लीटर से अधिक शराब या बीयर अपने पास रखने के लिए अब होम लाइसेंस लेना होगा. निजी प्रयोग के लिए व्यक्तियों को निर्धारित सीमा 16 लीटर से अधिक शराब रखने के लिए लाइसेंस लेना होगा. इस लाइसेंस का शुल्क प्रति वर्ष 12,000 रुपये है, इसके साथ ही सिक्योरिटी फीस 51,000 रुपए जमा करनी होगी. यूपी में अब शराब, बीयर की दुकानों के साइनबोर्ड पर नहीं दिखेगा 'सरकारी' और 'ठेका' शब्द, योगी सरकार का आदेश.
अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों की आबकारी नीतियों में इसी तरह का प्रावधान है. लेकिन उत्तर प्रदेश में इस तरह का प्रावधान नहीं था और इसके परिणामस्वरूप कोई भी व्यक्ति व्यक्तिगत उपभोग के लिए निर्धारित सीमा से अधिक शराब रखना था, जो कानूनन गलत था. इसी के चलते आबकारी नीतियों में बदलाव किया गया है.
इसलिए अगर आप उत्तर प्रदेश में रहते हैं और घर में बहुत अधिक शराब रखते हैं या होम बार की व्यवस्था करना चाहते हैं तो आपको सरकार से लाइसेंस लेना होगा. इतना ही नहीं आपको हर साल इसे रिन्यू भी कराना होगा. यह लाइसेंस एक साल के लिए वैलिड होगा.