लखनऊ: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि देश की आजादी का यह अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav) हम सबको नई प्रेरणा के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है. मुख्यमंत्री सोमवार को काकोरी ट्रेन ऐक्शन की 97वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश की स्वाधीनता से बढ़कर कुछ भी नहीं हो सकता है. देश की आजादी को हर हाल में सुरक्षित रखना हर भारतीय का दायित्व बनता है. कहा कि आजादी का यह अमृत महोत्सव हम सबको इस नई प्रेरणा दे रहा है. Uttar Pradesh: योगी सरकार का बड़ा फैसला, यूपी में 16 अगस्त से आधी क्षमता से खुलेंगे स्कूल-कॉलेज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत माता के सभी महान सपूतों को जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने आप को बलिदान किया, जिन्होंने स्वतंत्र भारत में देश के विभिन्न युद्धों में देश की आंतरिक और बाह्य दोनों सुरक्षाओं के मोर्चे पर पूरी मजबूती के साथ डटकर के भारत की एक-एक इंच जमीन की रक्षा कर देश को एक सुरक्षित माहौल दिया है, उन सभी अमर दनियों को कोटि-कोटि नमन करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. आज पूरे प्रदेश में काकोरी ट्रेन एक्शन की 97 वी वर्षगांठ आयोजित कर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जा रही है.
योगी ने कहा कि हम लोगों ने 4 फरवरी 2021 को गोरखपुर से चौरी चौरा काण्ड के शताब्दी समारोह का शुभारंभ किया था. उत्तर प्रदेश में चौरीचौरा की घटना के साथ ही आजादी के अमृत महोत्सव का भव्य आयोजन प्रधानमंत्री मोदी जी ने साबरमती आश्रम से प्रारंभ किया था. 12 मार्च 2021 से प्रारंभ यह अमृत महोत्सव 75 सप्ताह तक चलने वाला आयोजन है. आजादी का अमृत महोत्सव यानी स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणा का अमृत. आजादी का अमृत महोत्सव यानी नए विचारों का अमृत. नए संकल्पों का अमृत. आजादी का अमृत महोत्सव यानी आत्मनिर्भरता का अमृत. इन पंच सूत्रों के माध्यम से पांच प्रमुख मंत्र अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री जी ने दिए थे.
उन्होंने कहा कि काकोरी ट्रेन ऐक्शन वर्षगांठ का यह कार्यक्रम आजादी के अमृत महोत्सव की एक नई कड़ी के रूप में आयोजित हो रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब जानते हैं कि ब्रिटिश हुकूमत ने इस देश के स्वाधीनता संग्राम सेनानियों, क्रांतिकारियों के साथ किस किस प्रकार का अत्याचार किया था.
काकोरी ट्रेन एक्शन के मामले ने कहा जाता है कि क्रांतिकारियों ने अपने स्वाधीनता आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए यहां पर जिस घटना को अंजाम दिया था उसमें उनके हाथ केवल 4600 रुपए लगे थे. लेकिन अंग्रेजों ने देश के क्रांतिकारियों के खिलाफ कार्यवाही, मुकदमे चलाने और उन्हें फांसी पर लटकाने तक जो धनराशि उस समय खर्च की थी वह 10 लाख थी. क्रूरता की यह कहानी हम सब की आंखे खोलने वाली है. यह हमें हमेशा इस बात का एहसास कराता है कि देश की स्वाधीनता से बढ़कर के कुछ नहीं हो सकता है. इस मौके पर योगी ने कार्यक्रम में शामिल क्रांतिकारियों के परिजनों का अभिनंदन किया.