लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) लगातार राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के प्रयासों में लगे हैं. सीएम के प्रयासों से सूबे में औद्योगिक निवेश का माहौल बदलने लगा है. इसके साथ ही अब सीएम योगी ने गांव-गांव में वरासत को लेकर ग्रामीणों के होने वाले शोषण को खत्म करने की भी ठानी है. राज्य में निर्विवाद उत्तराधिकार को खतौनियों में दर्ज करने के लिए सभी ग्राम सभाओं में वरासत अभियान संचालित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरासत अभियान (Varasat Abhiyan) को समयबद्ध संचालित करने के र्निदेश दिए हैं.
राज्य के हर व्यक्ति को अपनी जमीन, अपना अधिकार मिले इसलिए इस विशेष वरासत अभियान को शुरू किया गया है. इस अभियान से ग्रामीणों को राज्य के करीब 1,08000 राजस्व गांवों में वर्षों से लंबित वरासत के प्रकरणों के निस्तारण की उम्मीद है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने COVID-19 वैक्सीनेशन को लेकर अधिकारियों को दिए निर्देश, टीकाकरण के बाद सेंटर पर 30 मिनट तक रूकने का किया जाएगा इंतजाम.
शनिवार को जारी सरकारी बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राजस्व विभाग द्वारा लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए वरासत के सम्बन्ध में एक हेल्पलाइन बनाई जाए, इसके अलावा एक ई-मेल आईडी भी जारी की जाए. उन्होंने कहा कि अभियान के बाद शासन स्तर से जिलों में टीम भेजकर यह पुष्टि भी की जाए कि कहीं निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई प्रकरण खतौनियों में दर्ज होने से शेष तो नहीं है.
बीते 15 दिसंबर से शुरू हुए इस अभियान से तहसील कर्मियों की मनमानी पर रोक लगेगी. इसके साथ ही भूमि विवादों पर भी काफी हद तक अंकुश लगेगा. बता दें कि पुलिस के आंकड़ों में भी भूमि विवाद से संबधित मामले हर साल बढ़ी संख्या में दर्ज किए जाते हैं. वरासत दर्ज कराने के दौरान किसी भी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए योगी सरकार हर संभव प्रयास कर रही है.