लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार कोरोना वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) को लेकर पुख्ता तैयारियों में जुटी है. सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अधिकारियों को इस संबंध में कई निर्देश दिए हैं. राज्य सरकार के बयान एक के अनुसार कोरोना वैक्सीन सेंटर में वैक्सीन लगने के बाद संबंधित व्यक्ति को कुछ समय तक रुकने की भी व्यवस्था दी जाएगी जाए. सीएम योगी ने निर्देश दिए हैं कि टीकाकरण के बाद 30 मिनट तक रूकने की व्यवस्था की जाए. मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश में कोविड-19 का टीकाकरण कार्य निर्धारित टाइम लाइन के अनुसार सम्पन्न हो, इसके लिए पर्याप्त संख्या में वैक्सीनेटर्स की उपलब्धता जरूरी है. इसके लिए जिला स्तर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है. सीएम ने वैक्सीन लगाने के लिए वैक्सीनेटर्स को तैयार करने का कार्य पूरी तेजी से संचालित करने के निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कोरोना वैक्सीन की सुरक्षित स्टोरेज तथा कोल्ड चेन के सम्बन्ध में फूलप्रूफ व्यवस्था करने के निर्देश दिए है. राज्य में COVID-19 टीकाकरण अभियान से पहले की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की गई. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोविड-19 वैक्सीन के स्टोरेज सेंटर में सभी जरूरी इंतजाम किए जाएं. सीएम ने कहा, कोरोना वैक्सीनेशन को ध्यान में रखते हुए बायोमेडिकल वेस्ट के समुचित निस्तारण की व्यवस्था अभी से की जाए. यूपी: छात्रों के इनोवेशन को उत्पाद की शक्ल देंगी कंपनियां, रंग लाई योगी सरकार की मुहिम.
यूपी सरकार ने COVID-19 टीकों के सुरक्षित स्टोरेज को सुनिश्चित करने के लिए राज्य में 35,000 केंद्र स्थापित किए हैं. राज्य सरकार ने एक बयान में कहा, "एक वैक्सीनेशन सेंटर पर रोजाना 100 लोगों का टीकाकरण किया जाएगा. एक वैक्सीनेशन टीम रोजाना 100 लोगों का टीकाकरण करेगी. "प्रत्येक टीकाकरण टीम प्रतिदिन लगभग 100 लोगों का टीकाकरण करेगी. टीकाकरण के लिए चुने गए लोगों को फोन पर टीकाकरण के समय, तिथि और स्थान के बारे में सूचित किया जाएगा. टीकाकरण के बाद संबंधित व्यक्ति को वैक्सीनेशन सेंटर पर 30 मिनट रुकना होगा."
केंद्र सरकार स्टोरेज के लिए आइस-लाइनेड रेफ्रिजरेटर और डीप फ्रीजर उपलब्ध करा रही है. राज्य ने 2.5 लाख लीटर की आवश्यक स्टोरेज क्षमता हासिल की है, बयान में कहा गया है कि टीकाकरण के लिए 6 करोड़ सीरिंज की आवश्यकता होगी, जिनमें से 4.5 करोड़ मंजूर किए गए थे.