मऊ, 21 मई: ब्लैक फंगस या म्यूकोर्मिकोसिस रोग पूरे उत्तर प्रदेश में फैल रहा है, ऐसे में मऊ जिले के एक मरीज में सफेद फंगस का एक मामला पाया गया है. भारत में व्हाइट फंगस का यह संभवत: पहला मामला है. एक 70 वर्षीय व्यक्ति में सफेद फंगस का पता चला था, जिसका पहले अप्रैल में दिल्ली के एक अस्पताल में कोविड -19 का इलाज किया गया था और उसके ठीक होने के बाद उसे छुट्टी दे दी गई थी. कोविड -19 से ठीक होने के बाद वह लगातार स्टेरॉयड पर था. कुछ समय बाद, उन्हें आई फ्लोटर्स (आंखों के अंदर जेली जैसा पदार्थ) विकसित हो गई और उनकी आंखों की रोशनी चली गई.
उनकी व्रिटोस बायोप्सी के बाद, व्हाइट फंगस संक्रमण की पुष्टि हुई. आदमी का इलाज चल रहा है. चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि सफेद फंगस के अन्य राज्यों में फैलने के अधिक प्रमाण नहीं मिले हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि रिपोर्ट के अनुसार यह वायरस की तरह विषाणुजनित हो सकता है. सफेद फंगस की मृत्यु दर वर्तमान में अज्ञात है.
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व्हाइट फंगस से संक्रमित मरीजों में कोविड जैसे लक्षण दिखे, लेकिन उनकी जांच नेगेटिव आई. जैसा कि रिपोर्ट में दावा किया गया है, चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि फंगल संक्रमण का पता लगाने के लिए एचआरसीटी स्कैन की आवश्यकता हो सकती है.