लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में 16 वर्षीय नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता ने आरोपियों द्वारा धमकाए जाने पर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. यह घटना शुक्रवार की रात की ठीक उस वक्त की है, जब उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता (Unnao Rape Victim) ने आखिरी सांस ली थी। ज्ञात हो कि उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को आरोपियों ने आग के हवाले कर जान से मारने की कोशिश की थी और दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. पीड़िता के परिजनों का कहना है कि अगर पुलिस ने शिकायत दर्ज कराने के तुरंत बाद ही आरोपी को गिरफ्तार किया होता तो उनकी बेटी अभी जिंदा होती. पीड़िता के परिवार के एक सदस्य ने कहा, "वे गांव में खुलेआम घूम रहे हैं और हमें धमका रहे हैं, इस वजह से वह काफी परेशान थी."
उन्होंने आगे बताया कि हमने जब उसे फंदे से लटकता देखा तो उसे तुरंत अस्पताल लेकर गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. परिवार के सदस्य ने बताया, "अपराध की शिकायत मिलने के बाद भी पुलिस ने शनिवार तक कोई गिरफ्तारी नहीं की. वह तीनों आरोपियों के गांव में खुलेआम घूमने और भयंकर परिणाम भुगतने की धमकी से परेशान थी। हमने उसे एक सप्ताह पहले ही रिश्तेदार के यहां भेज दिया था. उन्होंने आगे कहा, "फोन पर हर दिन वह सिर्फ एक ही सवाल पूछती थी कि क्या किसी को गिरफ्तार किया गया है? हम हमेशा न में ही जवाब देते थे.वह हमेशा हमारे जवाब के बाद फोन काट देती. या तो वह चुप हो जाती होगी या रोती होगी." यह भी पढ़े: उन्नाव रेप को लेकर प्रियंका गांधी का बड़ा हमला, पीड़िता की मौत के लिए यूपी सरकार को ठहराया जिम्मेदार
पीड़िता के परिवार ने बताया कि तीन व्यक्तियों ने कथित तौर पर 13 नवंबर को उनकी बेटी को अगवा कर उसका दुष्कर्म किया था। वह 17 नवंबर को घर वापस आई थी और उसने बताया था कि उसका सामूहिक दुष्कर्म किया गया है. उसे मजिस्ट्रेट के सामने 22 नवंबर को पेश किया गया, जहां उसने तीन आरोपियों की पहचान की थी, जिन पर 2 दिसंबर को शिकायत दर्ज की गई. वहीं पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स ने कहा कि एक आरोपी फरार है, जबकि दो अन्य को शनिवार को ही गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि उन्होंने मामले में कथित लापरवाही को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दिए.