लखनऊ, 15 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के चित्रकूट में एसएचओ सहित दो पुलिसकर्मियों को नाबालिग दलित लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. पिछले हफ्ते सामूहिक दुष्कर्म (Gangrape) के बाद पीड़िता ने आत्महत्या कर ली थी. मामला सामने आने के बाद कर्वी पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) जयशंकर सिंह (Jayshankar) और सरिया चौकी प्रभारी अनिल साहू को निलंबित कर दिया गया है. पुलिसकर्मियों ने पीड़िता की शिकायत दर्ज नहीं की थी और उसके परिवार को प्राथमिकी दर्ज (FIR) करने के लिए 'पुख्ता सबूत' लाने को कहा था.
शिकायत दर्ज न होने के बाद पीड़िता ने मंगलवार को फांसी लगा ली थी, जिसके बाद पुलिस ने परिवार द्वारा एफआईआर में नामजद तीनों आरोपियों को बुधवार शाम को गिरफ्तार किया. चित्रकूट के कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत कौमराहा के पुरवा गांव में 8 अक्टूबर को तीन आरोपियों ने उस लड़की का कथित तौर पर शौच के लिए खेतों में जाने के दौरान अपहरण (Kidnap) कर लिया था. परिजनों ने कहा कि लड़की के साथ कई घंटों तक दुष्कर्म किया गया. इसके बाद खेत में उसके हाथों और पैरों को बांधकर छोड़ दिया गया.
घर वापस न आने पर उसके माता-पिता ने उसे ढूंढना शुरू कर दिया, जिसके बाद वह बंधी हुई हालत में मिली. घटना के पांच दिन बाद मंगलवार को लड़की ने फांसी लगाकर अपनी जिंदगी खत्म कर ली. परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया और आरोपी को मौत की सजा देने की मांग पर अड़े परिवार के सदस्यों ने मैनपुर-कर्वी मार्ग पर जाम लगा दिया. पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई के आश्वासन के बाद ही लड़की का अंतिम संस्कार किया गया.
लड़की के भाई का अब कहना है कि वह मुआवजे के रूप में एक घर, एक लाइसेंसी हथियार और उनके घर पर सुरक्षा के साथ एक करोड़ रुपये की मांग करेगा. पीड़िता के भाई ने कहा, "मेरे माता-पिता 8 अक्टूबर को सामूहिक दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करने के लिए सरिया पुलिस स्टेशन गए, लेकिन एक प्राथमिकी दर्ज करने के लिए उन्हें 'पक्का सबूत' लाने के लिए कहा गया." उसने आगे कहा, "13 अक्टूबर को मेरी बहन घर पर अकेली थी और उसने खुद को फांसी लगा ली."
चित्रकूट धाम रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) के. सत्यनारायण ने कहा कि मां की शिकायत के आधार पर तीन आरोपियों के खिलाफ पोक्सो और एससी/ एसटी अधिनियम के तहत सामूहिक दुष्कर्म, आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने आगे कहा, "पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि पीड़िता की मृत्यु एस्फिक्सिया (दम घुटने) के कारण हुई थी. पीड़ितों के स्वाब के नमूने आगे के विश्लेषण के लिए भेजे गए हैं." आईजी ने कहा कि 8 अक्टूबर को, पीड़ित के परिवार ने खुद कहा था कि वे एक हफ्ते के बाद शिकायत देंगे.