Gyanvapi Mosque Case: ज्ञानवापी विवाद मामले में वाराणसी की जिला अदालत आज एक बड़ा फैसला सुनाने जा रहा है. कोर्ट की तरफ से फैसला सुनाया जायेगा कि शिवलिंग' की कार्बन डेटिंग कराई जाये या नहीं. ऐसे में सब की निगाए कोर्ट पर और किसी भी समय इस पर फैसला आ सकता है. दरअसल ज्ञानवापी मस्जिद-श्रीनगर गौरी मामले में चार महिला याचिकाकर्ताओं ने शिवलिंग के प्रकृति और ये कितने साल पुराना है, यह पता लगाने के लिए वैज्ञानिक जांच और कार्बन डेटिंग की मांग की थी. हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि जब सर्वे किया गया था तो उन्हें मस्जिद के तालाब में एक शिवलिंग मिला था.
कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मामले में 29 सितंबर को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी कॉम्प्लेक्स मामले में मुस्लिम पक्ष ने 'शिवलिंग' की कार्बन डेटिंग के लिए हिंदू वादी की याचिका के खिलाफ अदालत में आपत्ति दर्ज की थी. यह भी पढ़े: Gyanvapi Case: ज्ञानवापी केस में हिंदू पक्ष की मांग, सार्वजनिक ना की जाए सर्वे की फुटेज
बता दें, कार्बन डेटिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जो किसी पुरातात्विक वस्तु या पुरातात्विक खोजों की आयु यानी वह कितने वर्ष पुराना है, आदि का पता लगाती है. 22 सितंबर को, हिंदू पक्ष ने शिवलिंग जैसी संरचना के कार्बन डेटिंग और अन्य वैज्ञानिक परीक्षणों की मांग की.
इसका न केवल मुस्लिम पक्ष की अंजुमन इनजानिया मस्जिद कमेटी ने विरोध किया, बल्कि हिंदू पक्ष की वादी राखी सिंह ने भी इसका विरोध किया. वकीलों ने अदालत में यह कहते हुए आपत्ति दर्ज कराई थी कि कार्बन डेटिंग से ढांचे को नुकसान होगा. (इनपुट एजेंसी)