UP Panchayat Election: पंचायत चुनाव में भाजपा के सामने सपा का दबदबा खत्म करने की चुनौती
बीजेपी (Photo Credits: PTI)

लखनऊ, 3 जून : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में आज पंचायत अध्यक्ष के चुनाव होंगे. प्रदेश के 75 जिलों में से 22 में निर्विरोध चुनाव होने के बाद अब बचे 53 जिलों में जिला पंचायत सदस्य अपने जिले का अध्यक्ष चुनने के लिए मतदान करेंगे. राज्य में डेढ़ दशक बाद पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई भाजपा ने करीब दो वर्ष तक पंचायत चुनाव की तैयारी की. ऐसे में उसके सामने सपा का पिछला रिकार्ड तोड़ने की चुनौती है. उधर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) भी अपना दबदबा कायम रखने की भरपूर कोशिश में है. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान पंचायत चुनाव होने के कारण जिला पंचायत सदस्य चुनाव में तो भाजपा को खास सफलता नहीं मिली. लेकिन पार्टी ने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में उसकी भरपाई की रणनीति बनाई. पार्टी ने हालांकि घोषित तौर पर कोई लक्ष्य नहीं रखा है, लेकिन सरकार व संगठन की कोर कमेटी की बैठक में सपा के 63 सीटों के रिकार्ड को तोड़ने का मन बनाते हुए सरकार व संगठन जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में जुटे हैं.

विधानसभा चुनाव से पहले हो रहे पंचायत चुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल माना जा रहा है. ऐसे में सत्ताधारी दल भाजपा और सपा दोंनों की जोर आजमाइश जारी है. पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन की आग के बीच हुए चुनाव में दोनों पार्टियों का दम खम देखा जाना है. इस बीच भाजपा के सारे बड़े नेताओं का फोकस पंचायत चुनाव ही रहा है. इसे लेकर प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री ने हर जिलों में कई कई बार मंथन किया है. भाजपा जुलाई के मध्य से विधानसभा चुनाव के मैदान में कूदने जा रही है, उससे पहले पार्टी गांवों की सरकार में अपना कब्जा जमाकर माहौल बनाना चाहती है. पार्टी ने सपा का रिकार्ड तोड़ने के लिए पूरी ताकत लगाई है. प्रभारी मंत्रियों के साथ पार्टी की ओर से नियुक्त प्रभारी पदाधिकारियों को जिलों में तैनात कर दिया है. प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों के खेमे में शामिल सदस्यों को तोड़ने की पुरजोर कोशिश की जा रही है. यह भी पढ़ें : Delhi: आज से खुल गए लक्ष्मी नगर समेत कई बाजार, COVID नियमों का उल्लंघन करने पर DDMA ने किया था बंद

उधर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी पंचायत चुनाव की कमान अपने हांथों में ले रखी है. करीब 40 सीटों से अधिक सीटों पर भाजपा-सपा के बीच सीधा मुकाबला दिख रहा है. अपने कई प्रत्याशियों के दूसरे पाले में चले जाने के बावजूद सपा इस जंग में पीछे नहीं रहना चाहती है. अब बाकी जगह वह मजबूती से टक्कर देने में जुटी है. अखिलेश खुद चुनाव वाले जिलों के प्रत्याशियों व पदाधिकारियों से फीडबैक ले रहे हैं. पार्टी के जीते पंचायत सदस्यों को समझा कर एकजुट रहने का संदेश दिया जा रहा है. साथ ही किसी प्रभाव में आने देने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है. विपक्ष में रहते हुए सबसे ज्यादा जिला पंचायत सदस्य जीतने को सपा अपनी बड़ी उपलब्धि मान रही है. ऐसे में जिला पंचायत अध्यक्ष भी उसी अनुपात में जिताने का भरसक प्रयास हो रहा है.

राज्य के 75 में से 53 जिलों पर जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव शनिवार को होंगे. मतदान 11 से 3 बजे तक होगा. इसके तुरंत बाद मतगणना होगी. प्रदेश के जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में 22 सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध जीते हैं. इटावा में सपा और बाकी 21 भाजपा में अपना दावा ठोक रही है. शनिवार को होने वाले मतदान में सबसे कांटे की टक्कर जौनपुर जिले में है. जौनपुर में अब भाजपा के सहयोगी दल अपना दल एस के उम्मीदवार और इसके अलावा तीन अन्य उम्मीदवार जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव मैदान में उतरे हैं. जिसमें पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला भी उम्मीदवार हैं. यह भी पढ़ें : Uttar Pradesh: यूपी में 5,805 युवाओं क सरकारी नौकरी का सपना हुआ साकार, मुख्यमंत्री ने सौंपे नियुक्तिपत्र

सपा सांसद आजम खां के गढ़ रामपुर में 34 सदस्यों वाली जिला पंचायत में अध्यक्ष पद पर भाजपा के ख्याली राम लोधी और सपा की नसरीन जहां के बीच मुकाबला कड़ा मुकाबला होने के आसार हैं. सपा के पास 11, भाजपा के पास 7, निर्दलीय 11, कांग्रेस-2, बसपा-2, और 1 संयुक्त किसान मोर्चा है, जबकि जिला पंचायत में बहुमत के लिए 18 सदस्यों का आंकड़ा चाहिए. इसके साथ ही वार्ड चार से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीते अमरजीत सिंह भी चुनाव मैदान में मौजूद रहकर मुकाबले को त्रिकोणात्मक बनाने में जुटे हुए हैं.