सहारनपुर, 25 अगस्त : उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के कई हिस्सों में पशुओं में लंपी वायरस से फैलने वाली बीमारी के संदिग्ध मामले सामने आने के बाद पशु पालन और डेयरी विभाग ने सभी पशु चिकित्सा अधिकारियों को अलर्ट जारी कर दिया है. जिले के कई हिस्सों में पशुओं में लंपी बीमारी के लक्षण होने की बात सामने आई है. यह लंपी स्किन डिजीज पशुओं में होने वाला एक वायरल है, यह पॉक्स वायरस से मवेशियों में फैलता है. यह बीमारी मच्छरों, मक्खियों के जरिए एक से दूसरे पशुओं तक फैलती है. इस बीमारी के चलते पशुओं के शरीर पर छोटी-छोटी गठानें बन जाती हैं जो गांठों में बदल जाती हैं और शरीर पर जख्म नजर आने लगते हैं. इसके बाद पशु खाना कम कर देता है और उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी घट जाती है.
जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने पशुपालन विभाग के चिकित्सकों को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि लंपी बीमारी से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं. साथ ही वायरस के प्रति सक्रियता बरतते हुए रोग के बचाव के लिए लोगों को जागरुक करें. पशु चिकित्साधिकारी डा. धीरज कुमार शर्मा ने बताया कि गांव बास्तम, सांखन कलां, सांखन खुर्द, रणसुरा, जड़ौदा जट्ट और राजपूर एवं जखवाला समेत कई गांव के पशुओं में लंपी वायरस के शुरूआती लक्ष्ण मिले हैं. उन्होनें बताया कि पशु पालकों को बीमारी से बचाव के लिए दवाईयां वितरित की गई हैं. साथ ही लोगों को वायरस के प्रति जागरुक किया जा रहा है, इसके प्रति लापरवाही न बरतें. यह भी पढ़ें : Jammu and Kashmir: जम्मू कश्मीर के उरी में घुसपैठ की कोशिश नाकाम, तीन आतंकी ढेर
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. राजीव सक्सेना ने बताया कि वर्तमान में 2,174 गोवंश संक्रमित पाये गये हैं, जिसमें से 1400 पशु ठीक हो चुके हैं. लंपी बीमारी से 24 पशुओं की मृत्यु हुई. जिले के विभिन्न क्षेत्रों से पशु चिकित्सकों की टीमों द्वारा सैम्पल एकत्रित कर आईवीआरआई बरेली एवं राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भोपाल भेजे जा रहे हैं. वर्तमान तक 90 सैम्पल जांच हेतु भेजे जा चुके हैं.
उन्होनें बताया कि लंपी बीमारी के सम्बन्ध में सूचना देने के लिए जिला कलेक्ट्रेट में कन्ट्रोल रूम नम्बर - 0132-2723145, 0132-2723146 स्थापित हो गया है. यह सुबह आठ बजे से रात्रि आठ बजे तक संचालित रहता है. कन्ट्रोल रूम में अभी तक 65 कॉल का निस्तारण कर दिया गया है. लंपी बीमारी की रोकथाम हेतु सभी आवश्यक कदम पशुपालन विभाग द्वारा उठाये जा रहे हैं.