लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आगरा (Agra) में राजा की मंडी रेलवे स्टेशन (Raja ki Mandi Railway Station) के परिसर से 250 साल पुराने चामुंडा देवी मंदिर (Chamunda Devi Temple) को हटाने का मामला गरमाता जा रहा है. रेलवे द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बाद हिंदू कार्यकर्ताओं ने सामूहिक आत्महत्या (Mass Suicide) करने की धमकी दी है. राजा की मंडी रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या एक पर बने मंदिर को लेकर बीते कुछ हफ्तों से विवाद चल रहा है. Delhi: एक्शन में MCD, अब शाहीन बाग समेत इन जगहों पर चलेगा बुलडोजर
जानकारी के अनुसार, रेलवे की अपनी भूमि से अतिक्रमण हटाने की कोशिश के तहत उसके उत्तर मध्य जोन ने उत्तर प्रदेश के आगरा में भूरे शाह बाबा की मजार (Bhure Shah Baba Dargah) और चामुंडा देवी मंदिर को नोटिस जारी किये हैं. चामुंडा देवी मंदिर के प्रमुख पुजारी को 12 अप्रैल को भेजे गये नोटिस में रेलवे ने कहा कि मंदिर का एक हिस्सा राजा की मंडी रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या एक पर अतिक्रमण कर रहा है और इससे यात्रियों को असुविधा होने के साथ ट्रेनों के आवागमन पर भी असर पड़ता है. नोटिस में प्लेटफॉर्म और रेलवे की जमीन से मंदिर के हिस्से को हटाने के लिए 10 दिन का समय दिया गया था.
आगरा रेल मंडल के प्रबंधक आनंद स्वरूप ने ट्वीट कर बताया कि यदि चामुंडा देवी मंदिर नहीं हटाया जाता, तो स्टेशन को यात्री प्रयोग के लिए बंद किया जा सकता है. उन्होंने मंदिर के स्थान परिवर्तन को लेकर जारी नोटिस की प्रति भी साझा की है जिसके मुताबिक प्लेटफार्म संख्या-एक पर 72 वर्गमीटर में कथित ‘अवैध’ निर्माण है.
Uttar Pradesh | Divisional Railway Manager (DRM) of Agra issued a notice saying, "If the illegal construction of 72 square meters temple (located at Rajamandi Railway Station) is not removed from the platform, then railway station can be closed in view of safety of passengers." pic.twitter.com/jcqnOdlHbo
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 27, 2022
इसी तरह, मजार की देखरेख करने वाले सज्जादा नाशिम को 25 अप्रैल को जारी नोटिस में रेलवे ने कहा कि यह मजार आगरा छावनी रेलवे बोर्ड के स्वामित्व वाली जमीन पर बनाई गयी और 182.57 वर्ग मीटर जमीन ‘अवैध रूप से कब्जाई’ गयी है. नोटिस में मजार के निर्माण के बचाव में दस्तावेज बोर्ड के सामने 13 मई तक पेश करने को कहा गया है.
रेलवे ने नोटिस में नाशिम को जमीन के स्वामित्व को साबित करने और 13 मई को सुनवाई में पेश होने का निर्देश दिया गया है. इसमें कहा गया है कि यदि मजार की देखरेख करने वाले इस तारीख पर पेश नहीं होते तो अधिकारी और अदालत एक पक्ष की दलीलें ही सुनने के बाद आदेश जारी करेंगे.
उल्लेखनीय है कि रेल मंत्रालय द्वारा दिसंबर 2021 में संसद में दिये गये आंकड़ों के अनुसार देशभर में रेलवे की करीब 814.5 हेक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण है जो नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन के कुल क्षेत्र की कम से कम नौ गुना है. इसमें से करीब बीस फीसदी हिस्सा उत्तर रेलवे जोन में है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल दिसंबर में रेलवे को उसकी संपत्तियों पर अतिक्रमण के लिए जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि उसे अनधिकृत कब्जों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई शुरू करनी चाहिए. (एजेंसी इनपुट के साथ)