नई दिल्ली: केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने बुधवार को कहा कि देशद्रोह कानून (Sedition Law) पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले का सभी को सम्मान करना चाहिए. उन्होंने विभिन्न संस्थानों का मार्गदर्शन करने वाली एक 'लक्ष्मण रेखा' का भी उल्लेख किया और कहा कि किसी को भी इसे पार नहीं करना चाहिए. केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, सभी अदालतों में समान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मानदंड जल्द आने चाहिए
देशद्रोह के मामलों में सभी कार्यवाही पर रोक लगाने के शीर्ष अदालत के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, उन्होंने कहा कि सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है कि एक ऐसी 'लक्ष्मण रेखा' है जिसका राज्य के सभी अंगों द्वारा सम्मान किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, "हमारे पास एक स्पष्ट सीमा है और अपने पीएम के इरादों के बारे में अदालत को भी सूचित किया है. हम अदालत और इसकी स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं. लेकिन एक 'लक्ष्मण रेखा' (लाइन) है, जिसका राज्य के सभी अंगों को सम्मान करना चाहिए."
उन्होंने कहा, "हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम भारतीय संविधान के प्रावधानों के साथ-साथ मौजूदा कानूनों का भी सम्मान करें."
देशद्रोह कानून के इस्तेमाल पर रोक लगाते हुए, शीर्ष अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि जब तक कानून की समीक्षा नहीं हो जाती, तब तक देशद्रोह के आरोप लगाते हुए कोई नई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाए.