प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के कांफ्रेंस ऑफ द पार्टीज (COP) के 14वें अधिवेशन को संबोधित किया. पीएम ने यहां जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और बढ़ते रेगिस्तान जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी बात रखी. पीएम मोदी ने कहा कि भारत के संस्कारों में धरती पवित्र है, हम इसे मां मानते हैं. हर सुबह जमीन पर पैर रखने से पहले हम धरती से माफी मांगते हैं. हम धरती को नमन करते हैं. पीएम मोदी ने कहा भारत 2030 तक 2.1 करोड़ हेक्टेयर बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने के अपने लक्ष्य को बढ़ाकर 2.6 करोड़ हेक्टेयर करेगा. पीएम ने कहा 2015 और 2017 के बीच भारत में पेड़ और जंगल के दायरे में आठ लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है.
पीएम मोदी ने कहा कि हमने सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है. मेरा मानना है कि अब समय आ गया है कि दुनिया को सिंगल यूज प्लास्टिक को गुड बाय कह देना चाहिए. हमारी सरकार ने घोषणा की है कि वह आने वाले कुछ वर्षों के भीतर सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रचलन खत्म कर देगी. हम पर्यावरण अनुकूल विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम प्लास्टिक के कचरे के निस्तारण पर काम कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि आने वाले वक्त में हम सिंगल यूज प्लास्टिक को अलविदा कह देंगे.
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भारत बंद करेगा सिंगल यूज प्लास्टिक-
PM Modi at the COP14 to UNCCD in Greater Noida,UP: My government has announced that India will put an end to single use plastic in the coming years. I believe the time has come for even the world to say good-bye to single use plastic. pic.twitter.com/0s1mN9WghS
— ANI (@ANI) September 9, 2019
मरूस्थलीकरण से बड़ा खतरा
पीएम ने कहा हम इन दुष्परिणामों को धरती का तापमान बढ़ने, समुद्र का जलस्तर बढ़ने और बाढ़, तूफान, भूस्खलन जैसी घटनाओं के तौर पर देख रहे हैं. आपको जानकर हैरानी होगी की दुनिया के दो तिहाई देश मरूस्थलीकरण जैसी गंभीर समस्या का समाना कर रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि पर्यावरण और जलवायु, जैव विविधता और धरती दोनों को ही प्रभावित करते हैं. यह व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है कि दुनिया जलवायु परिवर्तन के गंभीर दुष्प्रभावों का सामना कर रही है. ये दुष्परिणाम भूमि के क्षरण के रूप में दिखाई दे रहा है. यही नहीं इससे जीवों की प्रजातियों पर भी संकट मंडराने लगा है.
जल संकट पर बोले पीएम
पीएम मोदी ने जल संकट पर भी अपनी बात राखी. पीएम मोदी ने कहा आज दुनिया में पानी की समस्या काफी बढ़ी है, दुनिया को आज पानी बचाने के मसले पर एक सेमिनार बुलाने की जरूरत है जहां पर इन मसलों का हल निकाला जा सके. पीएम मोदी ने कहा कि जल संकट का वैश्विक संकट घोषित किया जाए. भारत पानी बचाने, पानी का सही इस्तेमाल करने की ओर कदम बढ़ा चुका है. हमने जल संरक्षन के लिए जल मंत्रालय बनाया है.
बता दें कि 2 सितंबर से शुरू हुए कॉप -14 का शुभारंभ केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किया था. इसका आयोजन दुनिया को बढ़ते मरुस्थलीकरण से बचाने के कैम्पेन के तहत किया गया है. दुनिया के करीब 196 देशों के प्रतिनिधि इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं.