मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से अपनी टीम के साथ दिल्ली आकर मुलाकात करने पर महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा है कि उनके रिश्ते टूटे नहीं हैं. मीटिंग के बाद उद्धव ने पीएम से अलग से मुलाकात भी की जिसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि भले ही राजनीतिक रूप से साथ नहीं हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हमारा रिश्ता खत्म हो गया है. मैं कोई नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) से मिलने नहीं गया था. इसलिए यदि मैं उनसे व्यक्तिगत मुलाकात करता हूं तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है. Uddhav Thackeray Meets PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले महाराष्ट्र के CM उद्धव ठाकरे, अजित पवार की मौजूदगी में इन विषयों पर हुई चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दिल्ली में हुई बैठक में मराठा आरक्षण से लेकर कोरोना संकट, जातिगत जनगणना और ताउते तूफान से हुए नुकसान समेत कई मुद्दों पर बात हुई. बैठक में सीएम उद्धव ठाकरे के साथ डेप्युटी सीएम अजीत पवार और कैबिनेट मंत्री अशोक चव्हाण भी मौजूद थे. इसके बाद उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी से अलग से 10 के लिए मुलाकात भी की जिसके बाद इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं.
We may not be politically together but that doesn't mean our relationship has broken. 'Main koi Nawaz Sharif se nahi milne gaya tha' (I didn't go to meet Nawaz Sharif). So if I meet him (PM) separately in person, there is nothing wrong with it: Maharashtra CM Thackeray in Delhi pic.twitter.com/zQQir5t5ZD
— ANI (@ANI) June 8, 2021
बता दें कि मोदी से मीटिंग के बाद उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि उन्होंने पीएम के सामने महाराष्ट्र की समस्याएं रखीं और बेहद सकारात्मक माहौल में बातचीत हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अलग से मुलाकात पर उद्धव ठाकरे ने खुलकर कहा कि हम भले ही राजनीतिक रूप से साथ नहीं हैं लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हमारा रिश्ता खत्म हो चूका है. मैं कोई नवाज शरीफ से मिलने नहीं गया था. तो अगर मैं पीएम से अलग से मिलता हूं तो इसमें कुछ गलत नहीं होना चाहिए और इसका अलग मतलब नहीं निकालना चाहिए. उद्धव ठाकरे ने वैक्सीन पॉलिसी में बदलाव को लेकर पीएम मोदी का शुक्रिया किया.
कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री से आरक्षण की 50 प्रतिशत तय सीमा को खत्म करने के लिए दखल की अपील की है. हमने पीएम से आग्रह किया है कि केंद्र सरकार को इसे लेकर कोर्ट में जाना चाहिए. 50 प्रतिशत तय सीमा के चलते कई तरह के आरक्षण प्रभावित होते हैं.