नई दिल्ली: ट्विटर के को-फाउंडर और पूर्व CEO जैक डोर्सी के दावे को लेकर कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, 'जैक डॉर्सी ने जो कहा है वह जरा भी आश्चर्यजनक नहीं है. पिछले 9 वर्षों में, 2014 के बाद, देश में भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नागरिक स्वतंत्रता का व्यवस्थित क्षरण हुआ है. दुर्भाग्य से, यह घटना केवल केंद्र सरकार तक ही सीमित नहीं है. कुछ राज्य सरकारें भी समान रूप से कठोर और निरंकुश रही हैं जिस तरह से वे असहमति को दबाने और वैकल्पिक आवाजों को दबाने की कोशिश करती हैं.' Union Minister Rajeev Chandrasekhar on Jack Dorsey Claim: ट्विटर के पूर्व CEO जैक डोर्सी के दावे का क्या है सच? केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दिया ये जवाब.
ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी के भारत के 'दबाव' वाले दावे पर कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, 'मोदी सरकार की निरंकुशता स्थापित हो चुकी थी. ट्वीटर के पूर्व संस्थापक और सीईओ जैक डोर्सी ने कहा है कि मोदी सरकार और PM किसानों और उनके संगठनों के खातों को ब्लॉक करने के लिए कहते थे. सरकार कहती थी कि पत्रकारों के एकाउंट को ब्लॉक किया जाए अन्यथा ट्विटर ऑफिस पर छापा मारा जाएगा. इससे साबित होता है कि देश में लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही है.
जैक डोर्सी के दावे को लेकर मंगलवार को सरकार पर निशाना साधा और कहा कि डोर्सी के इस दावे से एक बार फिर प्रमाणित हो गया है कि मौजूदा सरकार देश के लोकतंत्र को कमजोर कर रही है.
पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत यह दावा भी किया कि सरकार के निर्देश पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के ट्विटर अकाउंट पर छह महीने के लिए रोक लगाई गई थी.
ट्विटर के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जैक डोर्सी ने एक साक्षात्कार में दावा किया है कि इस सोशल मीडिया मंच को देश में किसानों के प्रदर्शन के दौरान सरकारी दबाव और बंद किये जाने की धमकियों का सामना करना पड़ा था. सरकार ने उनके दावे को झूठा करार दिया है.
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा, "जब किसान दिल्ली के आसपास धरने पर बैठे थे तो उस वक्त न सिर्फ उन्हें खालिस्तानी, पाकिस्तानी और आतंकवादी कहा जा रहा था, बल्कि ट्विटर को भी धमकी दी जा रही थी कि इन लोगों की आवाज को जगह नहीं दी जाए. "
उन्होंने कहा, "किसान आंदोलन के समय भाजपा की ओर से एक तथाकथित टूलकिट जारी किया गया था और आरोप लगाया गया था कि कांग्रेस टूलकिट का इस्तेमाल कर रही है. लेकिन आज उसके बारे में असलियत सामने आ रही है. ट्विटर के दफ्तरों पर छापा मारा गया था. अब समझ में आ रहा है कि यह सब किसान आंदोलन को दबाने के लिए किया गया था. "
सुप्रिया ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के ट्विटर अकाउंट पर सरकार के कहने पर छह महीनों तक रोक लगाई गई थी. उन्होंने दावा किया, "ये जो तथ्य सामने आ रहे हैं वह वाकई में भयावह हैं, डरावने हैं. स्पष्ट है कि देश के प्रधानमंत्री और सरकार डरती है.. जब भी सरकार को आईना दिखाया जाता है तो अंतरराष्ट्रीय साजिश की बात की जाती है."
सुप्रिया ने सवाल किया, ''आज जैक डोर्सी को झूठ बोलने की क्या जरूरत है? झूठ बोलने से उनको क्या मिलेगा?'' उन्होंने कहा, "राहुल गांधी कहते हैं कि देश के लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है. डोर्सी की टिप्पणी से यह बात फिर प्रमाणित हो जाती है."
सुप्रिया ने कहा कि पत्रकारों, मीडिया और सोशल मीडिया मंचों को धमकाने का सिलसिला बंद होना चाहिए. कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, "जब हमारे किसान अपने हक के लिए दिल्ली की सीमाओं पर बैठे थे. जब वे सर्दी, गर्मी, बरसात झेलते हुए अपने प्राण त्याग रहे थे. तब एक तानाशाह उनकी खबर को दबाने में लगा था."
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर के पूर्व सीईओ के बयान का हवाला देते हुए सवाल किया कि क्या सरकार इस पर जवाब देगी? उधर, सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने डोर्सी के बयान को झूठा करार दिया है.
उन्होंने ट्वीट किया, "यह जैक डोर्सी का एक झूठ है. यह शायद ट्विटर के इतिहास के उस बहुत ही संदिग्ध दौर को मिटाने का प्रयास है. डोर्सी और उनकी टीम के अंतर्गत ट्विटर भारतीय कानून का बार-बार और लगातार उल्लंघन कर रहा था."
चंद्रशेखर ने ट्वीट किया, ‘‘डोर्सी और उनकी टीम के समय ट्विटर लगातार और बार-बार भारतीय कानून का उल्लंघन कर रहा था. उन्होंने 2020 से 2022 तक बार-बार कानूनों की अवमानना की और जून 2022 में ही उन्होंने अंतत: अनुपालन शुरू किया.’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डोर्सी के समय ट्विटर को भारतीय कानून की संप्रभुता को स्वीकार करने में समस्या थी और वह ऐसे व्यवहार करता था मानो भारत के कानून उस पर लागू नहीं होते. उन्होंने कहा ‘‘एक संप्रभु राष्ट्र होने के नाते भारत के पास यह सुनिश्चित करने का अधिकार है कि उसके कानूनों का भारत में संचालित सभी कंपनियां पालन करें.’’
डोर्सी ने एक साक्षात्कार में कहा है, "किसान आंदोलन के आसपास भारत से कई निवेदन आये, खासतौर से उन पत्रकारों को लेकर जो सरकार को लेकर आलोचनात्मक थे.... और ऐसा कहा गया कि हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे, आपके कार्यालयों को बंद करवा देंगे... यह भारत की बात है, एक लोकतांत्रिक देश की."