राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने हाल ही में टोयोटा को निर्देश दिया है कि वह एक इनोवा कार को रिप्लेस करे या टक्कर के बाद उसके एयरबैग नहीं खुलने पर पूरी राशि वापस करे.
आयोग के अध्यक्ष डॉ. इंदरजीत सिंह ने जिला और राज्य आयोगों के इस बात से सहमति जताई कि टक्कर आमने-सामने की थी, जिसमें एयरबैग खुलने चाहिए थे. आयोग ने कहा, "हम जिला फोरम और राज्य आयोग के इस निष्कर्ष से सहमत हैं कि टक्कर आमने-सामने की थी और गाड़ी की रफ्तार ऐसी थी कि एयरबैग खुलने चाहिए थे."
NCDRC ने कार निर्माता पर ₹15,000 का जुर्माना भी लगाया है. शिकायतकर्ता ने सन 2011 में एक इनोवा खरीदी थी. गाड़ी की टक्कर एक ऑटो-रिक्शा से हुई थी. इस टक्कर के दौरान कार में लगे एयरबैग नहीं खुल पाए, जिसके बाद आंध्र प्रदेश के जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई गई. शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि टक्कर से 10 दिन पहले गाड़ी चलाते समय उसका क्लच प्लेट भी जल गया था.
जिला फोरम ने एयरबैग नहीं खुलने के लिए टोयटा और संबंधित डीलरशिप को जिम्मेदार ठहराया और उन्हें संयुक्त रूप से कार को बदलने या ₹15,09,415 का रिफंड देने और ₹15,000 का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया. राज्य आयोग ने इस आदेश को बरकरार रखा, जिसके बाद टोयोटा ने संशोधन याचिका दायर की.
टोयोटा के अनुसार, दोनों फोरम इस बात पर विचार करने में चूक कर गए कि एयरबैग केवल आमने-सामने की टक्करों में ही खुलते हैं, बगल से टक्कर में नहीं. कंपनी ने बताया कि इस मामले में टक्कर कार के बायीं तरफ से हुई थी.
NCDRC orders Toyota to replace Innova car after air bags fail to deploy
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— Bar & Bench (@barandbench) March 13, 2024
इसके अलावा, टोयोटा ने कहा कि आयोग का अखबारों की उन खबरों पर भरोसा करना गलत है जिनमें बताया गया था कि कंपनी ने दुनिया के कई हिस्सों में एयरबैग सिस्टम को ठीक करने के लिए कारों को वापस मंगवाया था, क्योंकि ये खबरें शिकायतकर्ता की कार के मॉडल वर्ष से जुड़ी नहीं थीं और इनका कोई सबूत मूल्य नहीं था.
साथ ही, टोयोटा ने बताया कि मरम्मत के अनुमान में एयरबैग या उससे जुड़े पुर्जों को बदलने का जिक्र नहीं था, जिससे यह पता चलता है कि एयरबैग में कोई खराबी नहीं थी. कंपनी का यह भी कहना था कि पूरी गाड़ी को बदलने के बजाय खराब पुर्जों को ही बदला जाना चाहिए.
दूसरी तरफ, शिकायतकर्ता ने जोर दिया कि टोयोटा द्वारा उठाए गए मुद्दे पहले की कार्यवाही में उठाए गए मुद्दों के समान ही हैं. उन्होंने कहा कि दोनों आयोगों ने तकनीकी विशेषज्ञ गवाहों की जांच, रिपोर्टों और तथ्यों, साक्ष्यों की गहन जांच के बाद ही वाहन में खराबी का पाया. इसके अनुसार, उन्होंने याचिका खारिज करने की मांग की.
आयोग ने जिला और राज्य आयोग के आदेशों को देखने के बाद इस बात को माना कि टक्कर आमने-सामने की थी. आयोग ने बताया कि शिकायतकर्ता द्वारा पेश किए गए गवाह के सबूतों पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है, जो इस क्षेत्र के विशेषज्ञ थे.
इसके अलावा, आयोग ने पाया कि टोयोटा द्वारा पेश किए गए गवाह के साक्ष्य भी इसी कहानी को समर्थन देते हैं.