Maha Kumbh 2025 Snan: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले का आज दूसरा दिन है. मकर संक्रांति के पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालु और संत डुबकी लगाने के लिए संगम पहुंच रहे हैं. मंगलवार को मकर संक्रांति के अवसर पर श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा पहले अमृत स्नान के लिए सबसे पहले पहुंचे. संगम घाट पर "हर हर महादेव", "जय श्री राम" और "जय गंगा मैया" के जयकारों के बीच ठंड की परवाह किए बिना श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए उमड़े. अमृत स्नान का आयोजन सुबह 5:30 बजे शुरू हुआ, जिसमें 13 अखाड़ों के साधु-संत शामिल हुए.
अमृत स्नान का महत्व
मान्यता के अनुसार, महाकुंभ का पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति के पर्व पर होता है. अनादि काल से ही महाकुंभ के अमृत काल में साधु-संन्यासियों और श्रद्धालुओं द्वारा संगम में स्नान करने की परंपरा रही है. आदि शंकराचार्य की प्रेरणा से गठित अखाड़े दिव्य जुलूस के साथ महाकुंभ में अमृत स्नान करते हैं. परंपरा के अनुसार सभी अखाड़े अपने-अपने क्रम में अमृत स्नान करते हैं.
महाकुंभ का पहला अमृत स्नान जारी
VIDEO | Maha Kumbh 2025: Lakhs of people converge at Sangam, Prayagraj for the holy dip on the occasion of Makar Sankranti.#MahaKumbh2025 #MakaraSankranti
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/zWIEHiglXd
— Press Trust of India (@PTI_News) January 14, 2025
संगम तट पर उमड़ा आस्था का सैलाब
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'महाकुंभ' का इतिहास
महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति का अद्वितीय उत्सव है, जिसका उल्लेख महाभारत और पुराणों में मिलता है. मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान अमृत की कुछ बूंदें चार स्थानों, प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, और नासिक पर गिरी थीं. इसलिए हर 12 साल में इन जगहों पर कुंभ मेले का आयोजन होता है.
महाकुंभ 2025 न केवल भारत की संस्कृति और आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह पूरी दुनिया को भारतीय परंपरा और अध्यात्म का अनुभव कराता है. श्रद्धालुओं का जोश और भव्य आयोजन इसे विशेष बना रहे हैं.
सरकार की तैयारियां
महाकुंभ 2025 को भव्य और व्यवस्थित बनाने के लिए योगी सरकार ने 6,990 करोड़ रुपये की लागत से 549 परियोजनाओं को लागू किया है. मेले में 10,000 एकड़ क्षेत्र को कवर किया गया है, जहां 2,300 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है. सरकार के 40 से ज्यादा मंत्री 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जाकर महाकुंभ का न्योता दे चुके हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि सोमवार को पौष पूर्णिमा पर कुंभ मेले के पहले दिन लगभग 1.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान किया.