श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर सरकार ने 2024-25 कैपेक्स बजट से मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के आधिकारिक उपयोग के लिए आठ टोयोटा फॉर्च्यूनर SUVs खरीदने के लिए ₹3.04 करोड़ स्वीकृत किए हैं. परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इन SUVs को दिल्ली, जम्मू और श्रीनगर में रणनीतिक रूप से तैनात किया जाएगा—दिल्ली में चार, जम्मू और श्रीनगर में दो-दो.
इस घोषणा ने विवाद खड़ा कर दिया है. पूर्व श्रीनगर मेयर जुनैद मट्टू ने इस खर्च पर कटाक्ष करते हुए इसे "अब्दुल्ला राजशाही" का प्रतीक बताया. उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए उमर अब्दुल्ला को तंज़ कसते हुए "माननीय ड्यूक ऑफ एसेक्स" कहा और उनके लिए व्यक्तिगत रेंज रोवर डिफेंडर की खरीद को लेकर भी आलोचना की.
उन्होंने लिखा, "माननीय ड्यूक ऑफ एसेक्स के लिए आठ नई टोयोटा फॉर्च्यूनर और एक नई व्यक्तिगत रेंज रोवर डिफेंडर. बेड़े में अब केवल डल झील पर एक विमान और एक यॉट की कमी है. जम्मू-कश्मीर का दर्जा कम हुआ है, लेकिन अब्दुल्ला राजशाही का नहीं. राजा जिंदाबाद!"
सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल
मट्टू ने एक अन्य पोस्ट में सरकार की प्राथमिकताओं पर निशाना साधते हुए लिखा,
"200 यूनिट मुफ्त बिजली—कोई नियम नहीं. PSI के लिए उम्र में छूट—कोई शक्ति नहीं. आरक्षण का पुनर्गठन—सिर्फ सब-कमेटी. लेकिन राजा के काफिले के लिए खरीदारी—सभी शक्तियां उपलब्ध. वाह!"
सरकार का आदेश और पारदर्शिता का दावा
सरकार के आदेश के अनुसार, स्वीकृत धनराशि का उपयोग केवल इन SUVs की खरीद के लिए किया जाएगा. वित्तीय जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए खर्च के प्रमाणपत्र और रिकॉर्ड 31 मार्च 2025 तक प्रस्तुत करने होंगे. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इन वाहनों के लिए नए ड्राइवरों की नियुक्ति नहीं होगी, बल्कि मौजूदा स्टाफ ही इन्हें संभालेगा रिवहन विभाग को निर्देश दिया गया है कि वह सुनिश्चित करे कि धन का दुरुपयोग न हो.
राष्ट्रीय सम्मेलन की जीत के बाद उठे सवाल
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब उमर अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस ने हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ा ब्लॉक हासिल किया है, 42 सीटों पर जीत के साथ. खुद उमर अब्दुल्ला ने दो सीटों—बडगाम और गांदरबल—से जीत दर्ज की, जबकि बीजेपी ने 29 सीटें हासिल कीं.