जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) के अजमेर (Ajmer) जिले में पाकिस्तान से आए टिड्डी दल (Tiddi Dal) ने फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. हालांकि प्रशासन ने दुनिया की सबसे पुरानी प्रवासी कीट से निपटने के लिए कमर कस ली है. टिड्डी (Locust) दल के कहर से जिले में फसलों को करीब पांच फीसदी तक नुकसान पहुंचा है.
राजस्थान कृषि विभाग के उप निदेशक वीके शर्मा (VK Sharma) ने बताया कि अजमेर जिले में टिड्डी दल ने धावा बोला है. टिड्डों ने नागौर (Nagaur) से जिले में प्रवेश किया है. हमने कीटनाशक (Pesticides) का छिड़काव करने के लिए अग्निशमन विभाग की मदद ली. शर्मा ने दावा किया कि इस संकट से प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में सक्षम है. अब तक फसलों को 3 से 5 फीसदी का नुकसान होने की खबर है.
Rajasthan: Swarms of locusts hit Ajmer district."Locusts entered the district from Nagaur. We undertook help of the fire department to spray pesticides & were able to control it effectively. There are reports of 3-5% damage to crops",VK Sharma, Dy Director, Agriculture dept said. pic.twitter.com/oxy5TbWFrX
— ANI (@ANI) May 13, 2020
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में तबाही मचाने के बाद टिड्डियों के दल ने पिछले साल के अंत में राजस्थान और गुजरात में टिड्डियों के दल ने हमला किया था, और फसलों को तबाह कर दिया था. टिड्डियों का झुंड राजस्थान में आने वाली हवा या रेगिस्तानी तूफान की मदद से भारत में घुसपैठ करते है. हर साल पाकिस्तान से भारत में टिड्डियों की घुसपैठ का कोई ना कोई मामला सामने आता रहता है. हजारों-लाखों टिड्डियों का झुंड घुसपैठ करके देश की सीमावर्ती क्षेत्रो में किसानों की फसलों को तबाह कर देते है. Locust Attack: पाकिस्तान से आ रहे टिड्डी दलों से राजस्थान के किसान परेशान, गुजरात में भी अन्नदाताओं को फसल बर्बाद होने का डर
जानकारों की मानें तो टिड्डी दल लाखों-करोड़ों की संख्या में आते हैं और एक ही रात में सब फसल को चट कर जाते है. एक वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करने वाला टिड्डियों का झुंड एक दिन में 35,000 लोगों का भोजन खा सकता है. हालांकि टिड्डियों का पनपना पूरी तरह से प्राकृति से जुड़ी घटना है. रोचक पहलू यह है कि इनकी संख्या और प्रकोप का क्षेत्र, मौसम और पर्यावरणीय परिस्थितियों पर निर्भर करता है.