कांग्रेस में एक परिवार से एक व्यक्ति को टिकट, एक पद पर 5 साल का होगा कार्यकाल
कांग्रेस (Photo Credits: Wikimedia Commons)

नई दिल्ली, 13 मई : कांग्रेस परिवारवाद के लगातार लगते आरोप की काट के लिए चिंतन शिविर में एक परिवार से एक व्यक्ति को टिकट पर सहमति बनाने जा रही है. साथ ही एक व्यक्ति पांच साल तक ही एक पद पर रह सकेगा. राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस पार्टी का 'नव संकल्प शिविर' शुक्रवार से शुरू हो गया है. इस तीन दिवसीय नव संकल्प शिविर में कांग्रेस अपने परंपरागत तौर-तरीकों को बदल सकती है. जिसके तहत पार्टी की ओर से ये फैसला भी लिया जाएगा. राजस्थान प्रभारी और पार्टी महासचिव अजय माकन ने कहा कि एक परिवार से एक व्यक्ति को टिकट देने पर सहमति बन रही है. हालांकि इसमें 5 साल से लगातार पार्टी के लिए काम करने वाले नेताओं को शामिल नहीं किया जाएगा.

इतना ही नहीं एक पद पर एक व्यक्ति 5 साल के कार्यकाल तक ही रह सकता है. कांग्रेस नेता ने कहा, अगर कोई कांग्रेस पदाधिकारी अपने पद पर कार्यकाल पूरा कर चुका है, मतलब 5 साल का कार्यकाल पूरा कर चुका तो उसे 3 साल कूलिंग ऑफ पीरियड में रहना होगा तभी उसे दोबारा पद मिलेगा. कांग्रेस पार्टी के इस फैसले के बाद कई दिग्गज नेताओं के जो एक पद पर 5 साल से अधिक सालों से बने हुए हैं उनकी भी छुट्टी हो सकती है. यह भी पढ़ें : औरंगजेब के मकबरे पर जाने के लिए शिवसेना ने की अकबरूद्दीन ओवैसी की आलोचना

इससे पहले दिल्ली में अयोजित एक बैठक में मुख्यतौर पर चिंतन शिविर की रणनीति पर चर्चा करते हुए कमेटी के सदस्यों ने कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात के बाद अपनी रिपोर्ट के साथ-साथ कुछ सुझाव भी साझा किए थे. इन सुझावों के अनुसार, कांग्रेस पार्टी में तमाम कमेटियों में 50 प्रतिशत स्थान एससी एसटी और ओबीसी नेताओं को दिए जाने की मांग की गई है. वही पार्टी नेताओं ने एक व्यक्ति एक पद और एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट दिए जाने की भी वकालत की थी जिसके बाद चिंतन शिविर में इस प्रस्ताव पर भी चर्चा की जाएगी और सीडब्ल्यूसी की मुहर के बाद इसे पार्टी में लागू किया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस पार्टी पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने एक परिवार से एक व्यक्ति को टिकट देने और एक व्यक्ति को एक ही पद दिए जाने के फैसले को लेकर एक बार फिर चर्चा शुरू कर दी है. पार्टी ने पांच राज्यों में चुनाव में हार के बाद आकलन और भविष्य के रोड मैप को तैयार करने के लिए 'चिंतन शिविर' अयोजित करने का निर्णय लिया था.