National Technology Day 2024: अटल बिहारी और मास्टरमाइंड एपीजे कलाम ने इस तरह रचा राष्ट्रीय टेक्नोलॉजी दिवस का इतिहास!
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तकनीकी विकास और समाज में उनके योगदान के महत्व को देखते हुए प्रत्येक वर्ष 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (National Technology Day) मनाया जाता है. भारतीय दृष्टिकोण से इस दिन का विशेष महत्व है, क्योंकि इसी दिन यानी 11 मई 1998 को पोखरण में परमाणु परीक्षण को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया था. इसके पश्चात भारत परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों की सूची में शुमार हुआ था, तभी से भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की उपलब्धियों का सम्मान करने और भावी पीढ़ियों को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (Science and Technology) में करियर बनाने के लिए प्रेरित करने हेतु राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है.

यह दिन न केवल परमाणु प्रौद्योगिकी में भारत की उपलब्धियों का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है, बल्कि कई अन्य तकनीकी क्षेत्रों में देश की प्रगति को भी मान्यता देता है. आइये जानते हैं इस दिन के रोमांचकारी इतिहास एवं इसके बाद क्रमशः विकास करते भारत के बारे में... यह भी पढ़े :Google Wallet App Launched: भारत में गूगल वॉलेट ऐप लॉन्च, यूजर्स को अब एक ही जगह पर मिलेंगी ये सारी सुविधाएं

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का इतिहास:

भारतीय इतिहास के पन्नों में ‘राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी’ की पंक्तियां पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने दर्ज कराई थी. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाने की घोषणा श्री अटल जी ने ही की थी. उन्हीं के नेतृत्व में 11 मई 1998 को, भारत ने राजस्थान के पोखरण में सेना परीक्षण रेंज में शक्ति-I परमाणु मिसाइल को सफलतापूर्वक दागा था. विदेशी शक्तियों के विरोध को धता बताते हुए दो दिन बाद यानी 13 मई को पुनः दो और परमाणु परीक्षण किए गए. इसके बाद भरत परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों में शामिल हो गया. सौभाग्यवश 11 मई 1999 में भारत ने सबसे बड़ी तकनीकी प्रगति देखी, जब वैज्ञानिकों ने बेंगलुरु में पहला स्वदेशी विमान "हंसा III" उड़ाया. इसी दिन देशवासियों ने त्रिशूल मिसाइल का भी सफल परीक्षण भी देखा. भारत ने आज ही के दिन बेंगलुरु से अपने पहले स्वदेशी विमान 'हंसा-3' का भी सफल परीक्षण किया था.

एक नजर में पोखरण परमाणु परीक्षण?

* 11 मई 1998 में भारतीय सेना द्वारा पोकरण में परीक्षण रेंज द्वारा 5 विस्फोटों की श्रृंखला रची थी.* 1974 में श्रीमती इंदिरा गांधी के शासनकाल में एकमात्र परमाणु परीक्षण, 'स्माइलिंग बुद्धा' कोड नाम से किया गया. इसके बाद, अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के नेतृत्व में मास्टरमाइंड भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के दिशा निर्देशन में ‘ऑपरेशन शक्ति’ कोड नाम से एक के बाद एक पांच परमाणु परीक्षण पोखरण में किया गया था.

* परमाणु परीक्षण की तारीख 11 मई को भारत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में चिह्नित किया गया था.

* भारत को ‘परमाणु शक्ति सम्पन्न’ देश बनाने का श्रेय भारत के सर्वाधिक माननीय राष्ट्रपतियों में एक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को जाता है, उन्हीं के निर्देशन में पोखरण परीक्षण सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ था. वह दुनिया भर में 'भारतीय मिसाइल मैन' के रूप में भी लोकप्रिय हैं.