Lithium Reserve In jammu Kashmir: भारत में भी लिथियम का एक बड़ा भंडार मिला है. जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में ये भंडार मिला है. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में मिला लिथियम भंडार 59 लाख टन का है. स्मार्टफोन हो, इलेक्ट्रिक हो या नॉर्मल कार या फिर कोई और बैटरी वाला प्रोडक्ट... इन सब में लिथियम आयन बैटरी का इस्तेमाल होता है. भविष्य में एनर्जी का बड़ा सोर्स लिथियम आयन बैटरी होंगी. वर्तमान में भारत लिथियम के लिए पूरी तरह दूसरे देशों पर निर्भर है. ISRO Launches SSLV-D2: श्रीहरिकोटा से ISRO के सबसे छोटे SSLV रॉकेट की सफल लॉन्चिंग (Watch Video)
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) ने 51 ब्लॉकों को राज्य सरकारों और कोयला मंत्रालय को सौंप दिया है. जम्मू-कश्मीर के रियासी में मिले लिथियम के इतने बड़े भंडार की यह पहली साइट है, जिसकी GSI ने पहचान की है. इसका इस्तेमाल रिन्यूएबल एनर्जी को स्टोर करने के लिए किया जाता है. पहले लिथियम की कोई पूछ नहीं थी, जब से हर चीज इलेक्ट्रिक होती जा रही है तब से लिथियम 'सोना' बन गया है.
कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए दुनियाभर की सरकारें ग्रीन एनर्जी को प्रोत्साहित कर रही हैं. इसमें लिथियम का अहम रोल है. लिथियम आयन बैटरी की मदद से रिन्यूएबल एनर्जी को स्टोर किया जा सकता है. जिसे बाद में इस्तेमाल भी किया जा सकता है.
लिथियम का उपयोग मोबाइल फोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिचार्बेल बैट्री में किया जाता है. इसके अलावा इसका उपयोग खिलौनों और घड़ियों के लिए भी किया जाता है. खबर लिखते वक्त Lithium की वैल्यू प्रति टन 472500 युआन (लगभग 57,36,119 रुपये) थी. इस हिसाब से एक टन लिथियम की भारतीय रुपये में कीमत 57.36 लाख रुपये होती है. भारत में 59 लाख टन लिथियम का भंडार मिला है. यानी इसकी वैल्यू आज के वक्त में 33,84,31,021 लाख रुपये (3,384 अरब रुपये) होगी. इस भंडार के मिलने से भारत की स्थिति मजबूत होगी.