देश में कोरोना वायरस (Corona virus) के खिलाफ वैक्सीनेशन (Vaccination) का कार्यक्रम जारी है. इस बीच सरकार ने कोविशिल्ड वैक्सीन को लेकर नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत अब कोविशिल्ड वैक्सीन की पहली खुराक के बाद दूसरी खुराक 4 से 6 सप्ताह के बीच देने की बजाय 4 से 8 सप्ताह के बीच देने के लिए कहा गया है. इस संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. यह भी पढ़े: Coronavirus: कोविड महामारी के दौरान दिवालिया घोषित हुईं 280 से अधिक कंपनियां
कोविशील्ड की दोनों खुराक के बीच का अंतराल बढ़ा
वैक्सीन की दूसरी डोज के गैप को बढ़ाने के बारे में एम्स नई दिल्ली के डॉ राकेश गर्ग कहते हैं कि जब वैक्सीन की पहली खुराक लगती है तो शरीर में कुछ रिस्पॉन्स यानी एंटीबॉडी बनती हैं. ये एंटीबॉडी रियल टाइम में ही पता चलता है कि कितने दिन में बनते हैं, लेकिन कई बार एंटीबॉडी आने में कुछ समय लग सकता है. ऐसे में दूसरी डोज तब देते हैं, जब शरीर में कुछ एंटीबॉडी बननी शुरू हो जाती हैं. दूसरी डोज एक तरह से इम्यूनिटी बूस्टर होती है, ताकि पहली डोज से एंटीबॉडी बन रही है वो और बेहतर हो जाए.
शोध के बाद सरकार ने लिया निर्णय
अब सरकार के पास कोविशिल्ड लगने के बाद के कई डाटा मौजूद हैं, जिसमें पाया गया कि एंटीबॉडी को और बेहतर बनाने के लिए दूसरी डोज के बीच के अंतराल को बढ़ा सकते हैं. शोध में जो डाटा आया है उसके बाद ही ये फैसला लिया गया है. इसलिए दूसरी डोज के अंतराल को 6 और 8 हफ्ते के बीच देने पर इसका असर और अच्छा है.
कोवैक्सिन पर यह नियम नहीं होगा लागू
इस दौरान डॉक्टर गर्ग ने बताया कि 4 से 8 हफ्ते के बीच के अंतराल अभी केवल कोविशील्ड के लिए है, जो कि ऑक्सफोर्ड, एस्ट्राजेनेका और सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन है. लेकिन भारत बॉयोटेक की कोवैक्सीन के लिए पहले की तरह ही नियम हैं.
24 घंटे में कोरोना के 40 हजार 715 नए मामले