Maha Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ से एक अनोखी और चौंकाने वाली घटना सामने आई है. यहां आगरा से आए एक परिवार ने अपनी 13 साल की बेटी को जूना अखाड़े के स्वामी कौशल गिरि को दान कर दिया. कौशल गिरि ने कहा कि अब यह बच्ची हमारे साथ अखाड़े में रहेगी और सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करेगी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दान की गई बच्ची कक्षा 9 की छात्रा है और आगरा के स्प्रिंग फील्ड इंटर कॉलेज में पढ़ती है. पढ़ाई में होशियार बच्ची ने हाल ही में प्रयागराज के महाकुंभ में अपने माता-पिता के साथ भाग लिया. यहीं पर उसने साध्वी बनने की इच्छा जाहिर की.
इसके बाद संत कौशल गिरी ने उसे अपने अखाड़े में प्रवेश दिलाया और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ उसका नामकरण किया. अब बच्ची को 'गौरी' नाम दिया गया है.
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अपनी 13 साल की बेटी को महाकुंभ में किया दान
बेटी के मन में वैराग्य जागा तो बेटी को अखाड़े में दान कर दिया. जानिए 13 साल की उम्र में वैराग्य लेने की यह अनूठी कहानी. #ReporterDiary #MahaKumbh2025 #MahaKumbh #Prayagraj | @abhishek6164 pic.twitter.com/11pSWDJftT
— AajTak (@aajtak) January 7, 2025
पिंडदान के बाद अखाड़े का हिस्सा बनेगी गौरी
बताया जा रहा है कि गौरी का पिंडदान 19 जनवरी को शिविर में किया जाएगा. इसके बाद वह जूना अखाड़े का स्थायी हिस्सा बन जाएगी. धार्मिक संस्कारों के साथ वह अपने मूल परिवार से अलग हो जाएगी. संत कौशल गिरी ने कहा, “यह एक दुर्लभ घटना है. हर कोई ऐसा नहीं कर सकता. यह सनातन धर्म के प्रचार का एक अनूठा कदम है.”
गौरी की आध्यात्मिक रुचि
गौरी (बदला हुआ नाम) के स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया कि वह पढ़ाई में अव्वल थी और पूजा-पाठ में भी गहरी रुचि रखती थी. नवरात्रि के दौरान वह बिना जूते-चप्पल पहने स्कूल आती थी. आध्यात्मिक विषयों में उसकी रुचि उसे दूसरी छात्राओं से अलग बनाती थी.