विरोध के 600वें दिन अमरावती में तनाव
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo credits: PTI)

अमरावती, 8 अगस्त : राज्य की राजधानी को स्थानांतरित किए जाने के विरोध में पुलिस द्वारा लोगों को रैलियां निकालने से रोकने के बाद रविवार को यहां तनाव व्याप्त हो गया. अमरावती ज्वाइंट एक्शन कमेटी (जेएसी) ने राज्य की राजधानी को तीन हिस्सों में बांटने की राज्य सरकार की योजना के विरोध के 600 दिन पूरे होने पर थुल्लूर से मंगलागिरी मंदिर तक रैली का आह्वान किया था.प्रदर्शनकारियों को थुल्लूर में उनके विरोध शिविर से मार्च करने से रोकने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. महिलाओं सहित प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के साथ बहस की. उन्होंने पुलिस द्वारा शांतिपूर्ण रैली रोकने का विरोध किया. पुलिस ने अमरावती किसानों की बाइक रैली को भी रोका. जिसके बाद कुछ प्रदर्शनकारी आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय भवन की ओर चले गए. पुलिस ने विपक्षी तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा तडेपल्ली से रैली निकालने के प्रयास को भी विफल कर दिया.

प्रदर्शनकारी हाईकोर्ट की ओर मार्च करना चाहते थे. जब प्रदर्शनकारियों ने उंदावल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश की, तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. विरोध रैलियों को रोकने के लिए पुलिस ने अमरावती के सभी गांवों में प्रतिबंध लगा दिया. जेएसी ने धरना के 600 दिन पूरे होने पर बड़े पैमाने पर विरोध का आह्वान किया था. संगठन लोगों से उच्च न्यायालय से मंदिर तक मार्च में भाग लेने की अपील की थी. हालांकि पुलिस ने रैली की अनुमति देने से इनकार कर दिया. विरोध प्रदर्शन को विफल करने के लिए शनिवार शाम से गांवों में बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है. उन्होंने बाहरी लोगों को गांवों में प्रवेश करने से रोकने के लिए चेक पोस्ट और बैरिकेड्स लगाए. यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र चीफ मिनिस्टर उद्धव ठाकरे आज राज 8 बजे जनता को करेंगे संबोधित

यहां तक कि मीडियाकर्मियों को भी गांवों में नहीं जाने दिया गया. केवल स्थानीय लोगों को उनके पहचान पत्र प्रस्तुत करने के बाद चेक पोस्ट के माध्यम से जाने की अनुमति दी गई थी. अमरावती गांवों के किसान और अन्य निवासी अमरावती को एकल राज्य की राजधानी के रूप में बनाए रखने की मांग को लेकर 600 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने अमरावती को केवल विधायी राजधानी के रूप में बनाए रखते हुए प्रशासनिक राजधानी को विशाखापत्तनम और न्यायिक राजधानी को कुरनूल में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है.