तेलंगाना बोर्ड में हुई घोर लापरवाही: इंटरमीडिएट के रिजल्ट में 99 की जगह दे दिए 0 नंबर, हताश होकर 21 छात्रों ने की आत्महत्या
रिजल्ट (Photo Credit- Pixabay)

हैदराबाद: 18 अप्रैल को तेलंगाना (Telangana) में बारहवीं (इंटरमीडिएट) के नतीजे आने के बाद से ही सूबे में तहलका मचा हुआ है. छात्रों की खुदकुशी का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. अब तक नतीजों में फेल होने या अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने से आहत करीब 21 बच्चे मौत को गले लगा चुके है. हालांकि इस बात की पुष्टी नहीं हो सकी है.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो तेलंगाना स्टेट बोर्ड ऑफ इंटरमीडिएट एजुकेशन (टीएसबीआईई) की लापरवाही के कारण ही बच्चों के भविष्य के साथ इतना बड़ा मजाक हो सका है. दरअसल बोर्ड ने हैदराबाद की एक निजी कंपनी ग्लोबलरेना टेक्नोलाजी को परीक्षा से जुड़े सारे काम का जिम्मा सौपा था. लेकिन परिणाम जारी करने में घोर लापरवाही बरती गई.

बताया जा रहा है कि तेलंगाना की एक मेधावी छात्र को परीक्षा में तेलगु विषय में 99 मार्क्स मिले थे जबकि परिणाम जारी होने पर उसे 0 नंबर देकर फेल रिमार्क दिया गया था. बारहवीं में पढने वाली गज्जा नाव्‍या को तेलगु पेपर में 0 अंक दिए गए. लेकिन जब तेलुगू पेपर का री-इवैल्‍युएशन कराया गया तो नाव्‍या को 99 अंक मिले. नाव्‍या ने इसी विषय में पहले वर्ष 98 अंक  हासिल किया था. इस वाकिये से साफ़ हो जाता है कि कैसे बोर्ड ने रिजल्‍ट तैयार करने में गड़बडि़यां की होगी.

यह भी पढ़े- तेलंगाना बोर्ड रिजल्ट: हफ्तेभर में 20 छात्रों ने की आत्महत्या, मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने फटकारा, री-इवैल्युएशन फीस हटाई

इस साल इंटरमीडिएट की परीक्षा में 9.74 लाख छात्र शामिल हुए थे. इनमें से 3.28 लाख छात्र फेल हो गए. बोर्ड के अधिकारियों ने हालांकि परिणाम घोषित करने में गलतियां स्वीकारी हैं, लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि छात्रों की खुदकुशी इससे संबंधित है.

उधर, विवाद बढता देख राज्य सरकार ने परिणामों में हुई गलतियों को जांचने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बना दी. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में अधिकतर जगहों पर तकनीकी खराबी को जबकि कुछ जगहों पर मानवीय चूक को जिम्मेदार बताया है. हालांकि एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने बोर्ड को फेल हुए छात्रों की उत्तरपुस्तिकाओं को दोबारा जांचने तक का आदेश दे दिया है.