हैदराबाद: तेलंगाना (Telangana) में बारहवीं (इंटरमीडिएट) के नतीजे के बाद छात्रों की खुदकुशी का सिलसिला बढ़ता जा रहा है. 18 अप्रैल को आए नतीजों में फेल होने या अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने से आहत अब तक कुल 20 छात्र मौत को गले लगा चुके है. हालांकि यह अधिकारिक आंकड़ा नहीं है. इस बीच तेलंगाना स्टेट बोर्ड ऑफ इंटरमीडिएट एजुकेशन (टीएसबीआईई) के कार्यालय के बाहर छात्रों और उनके अभिभावकों का हंगामा जारी है. बोर्ड पर आरोप है कि उनकी लापरवाही की वजह से ही रिजल्ट इतना ख़राब आया है.
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (K Chandrasekhar Rao) ने एक आपात बैठक बुलाई और कथित तौर पर सूबे के शिक्षा मंत्री जी जगदीश रेड्डी और संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई. साथ ही राज्य सरकार ने परीक्षा में फेल हुए छात्रों से अंकों के फिर से जोड़े जाने और पेपर के पुन:सत्यापन के लिए किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लेने का निर्णय किया.
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कुछ छात्र संघों ने आरोप लगाया है कि 18 अप्रैल से समूचे तेलंगाना में 17 छात्रों ने कथित रूप से आत्महत्या की है. इस साल इंटरमीडिएट की परीक्षा में 9.74 लाख छात्र शामिल हुए थे. इनमें से 3.28 लाख छात्र फेल हो गए. बोर्ड के अधिकारियों ने हालांकि परिणाम घोषित करने में गलतियां स्वीकारी हैं, लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि छात्रों की खुदकुशी इससे संबंधित है.
मुख्यमंत्री कार्यकाल की ओर से जारी बयान के अनुसार पूरक परीक्षाओं को पहले आयोजित कराया जाए और जल्द से जल्द परिणाम घोषित किया जाए क्योंकि छात्रों को नीट और जेईई जैसी परीक्षाएं देनी हैं. परीक्षा में फेल होने पर कुछ छात्रों द्वारा कथित रूप से खुदकुशी करने की घटनाओं पर दुख जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा में फेल का होने का मतलब यह नहीं है कि जिदंगी में विफल हो गए हैं.