तमिलनाडु सरकार ने मेडिकल, डेंटल कॉलेजों के छात्रों से अधिक शुल्क लेने की चेतावनी दी
प्रतीकात्मक तस्वीर

चेन्नई, 10 नवंबर : तमिलनाडु सरकार ने गुरुवार को राज्य में मेडिकल और डेंटल कॉलेजों को छात्रों से निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क लेने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी. 50 से अधिक छात्रों ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग और सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग से शिकायत की है कि कॉलेज निर्धारित दरों से अधिक शुल्क मांग रहे हैं. राज्य के स्वास्थ्य सचिव, सेंथिल कुमार ने स्व-वित्तपोषित मेडिकल और डेंटल कॉलेजों से अधिक शुल्क नहीं लेने या उनके लाइसेंस रद्द करने सहित कड़ी कार्रवाई का सामना करने का आह्वान किया.

उल्लेखनीय है कि वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के दौरान एमबीबीएस/बीडीएस के लिए शुल्क में एक लाख रुपये की वृद्धि की गई है. नए शुल्क ढांचे के साथ, सरकारी कॉलेजों के तहत स्व-वित्तपोषित मेडिकल कॉलेजों में भर्ती छात्रों को 4.35 लाख रुपये से 4.50 लाख रुपये के बीच शुल्क देना होगा. शिकायत के आधार पर स्वास्थ्य सचिव ने टीएन डॉ. एमजीआर मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबद्ध स्व-वित्तपोषित मेडिकल कॉलेजों को दो पेज का चेतावनी नोट भेजा. मैनेजमेंट कोटे में एमबीबीएस सीटों की फीस 13.5 लाख रुपये प्रति वर्ष और एनआरआई कोटे में 24.5 लाख रुपये होगी. शुल्क में शिक्षण शुल्क, प्रवेश शुल्क, विशेष प्रयोगशाला शुल्क शामिल है. यह भी पढ़ें : मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में डिंपल यादव होंगी सपा की उम्मीदवार

इसमें इंटरनेट उपयोग, खेल शुल्क आदि के शुल्क भी शामिल हैं. शुल्क में छात्रावास या मेस शुल्क शामिल नहीं है. इसके अलावा, कॉलेज विकास शुल्क के रूप में प्रति व्यक्ति 40,000 रुपये की राशि जमा कर सकते हैं. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि टीएन डॉ. एमजीआर मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबद्ध मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मेरिट रैंक के आधार पर ऑनलाइन काउंसलिंग के माध्यम से किया जाता है.