तमिलनाडु (Tamil Nadu) के स्कूलों में तीन भाषा प्रणाली के केंद्र के प्रस्ताव पर डीएमके के राज्यसभा सांसद तिरुचि सिवा (Tiruchi Siva) और मक्कल नीधि मैयम के नेता कमल हासन (Kamal Haasan) ने विरोध जाहिर किया. तिरुचि सिवा ने नई शिक्षा नीति के माध्यम से तमिलनाडु में हिंदी लागू करने के किसी भी प्रयास के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी. सिवा ने कहा कि हिंदी को तमिलनाडु में लागू कर केंद्र सरकार आग से खेलने का काम कर रही है. सिवा ने कहा तमिलनाडु में हिंदी का प्रदर्शन एक सल्फर गोदाम में आग फेंकने जैसा है.
सिवा ने कहा यदि वे फिर से हिंदी सीखने पर जोर देते हैं, तो छात्र, युवा किसी भी कीमत पर इसे रोकेंगे. हिंदी विरोधी आंदोलन. 1965 एक स्पष्ट उदाहरण है. सिवा ने कहा हिंदी भाषा को तमिलनाडु पर थोपने की कोशिश को यहां के लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे. हम यहां के लोगों पर हिंदी भाषा को जबरन लागू करने को रोकने के लिए किसी भी परिणाम का सामना करने के लिए तैयार हैं.
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DMK leader T Siva in Trichy: The attempt to force Hindi language on people of Tamil Nadu will not be tolerated by its people. We are ready to face any consequences to stop Hindi language being forced on the people here. pic.twitter.com/WE990DUErN
— ANI (@ANI) June 1, 2019
Makkal Needhi Maiam founder Kamal Haasan on Centre's proposal on three-language system in schools: I have acted in many Hindi films, in my opinion Hindi language should not be imposed on anyone. #TamilNadu pic.twitter.com/eHWle8YJvb
— ANI (@ANI) June 1, 2019
तिरुचि सिवा ने आगे कहा डीएमके द्वारा किए गए हिंदी विरोधी प्रदर्शनों की चिंगारी तमिलनाडु में अभी भी जीवित है. जबकि तब केंद्र सरकार ने अप्रत्यक्ष रूप से हिंदी को लागू करने की कोशिश की थी, अब वह सीधे तौर पर कर रही है, डीएमके अब भी इसका हर तरफ से विरोध करेगी. वहीं अभिनेता ने नेता बने कमल हासन ने कहा "मैंने कई हिंदी फिल्मों में अभिनय किया है, मेरी राय में हिंदी भाषा को किसी पर भी थोपा नहीं जाना चाहिए."