चेन्नई 30 जुलाई: देश की पहली सफल महिला डॉक्टर और राज्य की पहली महिला विधायक मुथुलक्ष्मी रेड्डी की जयंती पर तमिलनाडु सरकार ने हर साल 30 जुलाई को 'अस्पताल दिवस' मनाने की घोषणा की. मुथुलक्ष्मी रेड्डी महिला प्रसूति और नेत्र चिकित्सालय की प्रथम महिला सर्जन थीं. उन्होंने समाज में महिलाओं और बच्चों के के लिए जीवन भर संघर्ष किया. यही नहीं कस्तूरबा और एम्स अस्पताल उनके ही प्रयासों की देन है, जो आज भी इलाज और रिसर्च के क्षेत्र में अग्रसर है. इसलिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने हर साल मुथुलक्ष्मी रेड्डी की जयंती पर अस्पताल दिवस मनाने का फैसला लिया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा है कि,' सरकारी अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारी अपनी गतिविधियों, नई पहलों और उपलब्धियों को उत्सव के हिस्से के रूप में प्रदर्शित कर सकेंगे. अस्पताल दिवस मनाने के लिए हर साल सभी अस्पतालों को फंड आवंटित किया जाएगा. बयान में ये भी कहा गया है कि अस्पतालों द्वारा एनजीओ, सामाजिक संस्थाओं और कॉरपोरेट्स को सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के लिए धन मुहैया कराने के अलावा अस्पतालों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं को प्रचारित करने के लिए भी ये दिन मनाया जाएगा.
डॉक्टर मुथुलक्ष्मी रेड्डी का जन्म 30 जुलाई 1886 को एक चेन्नई में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था. समाज सुधार में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए उन्हें 1956 में “पद्म भूषण” की उपाधि से सम्मानित किया गया. 80 वर्ष की उम्र में ब्रेन हैम्ररेज की वजह से उनकी मृत्यु हो गई. अनाथ बच्चों के लिए उन्होंने चेन्नई में अव्वई होम की स्थापना की. यहां बच्चों को अच्छी शिक्षा, कपड़े और खाना दिया जाता था. यह संस्था आज भी जारी है और अनाथ बच्चियों को आश्रय दे रही है.