नई दिल्ली: पाकिस्तान पर हुए सर्जिकल स्ट्राइक के दों साल बीत जाने के बाद आज भी सेना के इस साहस पूर्वक कार्य से जुड़ी दिलचस्प बाते सामने आ रही है. 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़ी एक और दिलचस्प बात का खुलासा हुआ है. दरअसल सर्जिकल स्ट्राइक के वक्त सेना ने तेंदुए के मल-मूत्र का भी इस्तेमाल किया था. इसका खुलासा खुद इस मिशन से जुड़े एक कमांडर ने अब किया है.
पूर्व नगरोटा कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राजेंद्र निंबोरकर ने एक कार्यक्रम में बताया कि सेना ने बड़ी ही गोपनीयता से इस मिशन को अंजाम दिया. निंबोरकर ने बताया कि रणनीति बनाते वक्त हमको पता था कि रास्ते के गांवों से निकलते वक्त कुत्ते भौंकना शुरू कर सकते हैं. और जवानों पर हमला कर सकते हैं. इससे निपटने के लिए हमारी टुकड़ियां तेंदुए का मल-मूत्र साथ लेकर गईं. उसे गांव के बाहर छिड़क दिया जाता था. जिससे सेना के जवान आसानी से सीमा पार कर सके.
दरअसल पाकिस्तान की सीमा में 15 किलोमीटर अंदर जाने के बाद भारतीय सेना ने तेंदुए के मल-मूत्र का इस्तेमाल किया था, ताकि कुत्तों को शांत रखा जा सके. उन्होंने बताया कि सीमा पर आसपास के जंगलों में हमने देखा है कि तेंदुए अक्सर कुत्तों पर हमला करते हैं और इन हमलों से खुद को बचाने के लिए कुत्ते रात को बस्ती में ही रहते हैं.
बता दें कि भारतीय सेना ने उड़ी हमले के 11 दिन बाद सर्जिकल स्ट्राइक किया था. आंतकियों को उनकी करतूत की सजा देने के लिए इंडियन आर्मी के 25 जवानों की टीम पुंछ से एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर ध्रुव पर सवार होकर एलओसी पार कर तीन किलोमीटर अंदर तक जाकर आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था.
सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक में रॉकेट लॉन्चर, मिसाइल और छोटे हथियार इस्तेमाल किए गए थे. जिसके बाद सेना ने आतंकियों के ठिकानों को तहस-नहस कर कई को मौत के घाट उतारा. सेना की इस कर्रवाई की भनक पाकिस्तान को नहीं लगी थी. वहीं सेना की बहादुरी की सराहना देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया ने किया.